वियना में चीन के खिलाफ तिब्बती प्रवासियों ने किया प्रदर्शन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-12-2023
Tibetan protest
Tibetan protest

 

वियना, ऑस्ट्रिया. वियना में तिब्बती प्रवासी के सदस्यों ने ऑस्ट्रिया में चीनी दूतावास के सामने एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया और तिब्बत में तिब्बतियों के खिलाफ चल रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए चीन की निंदा की.

10 दिसंबर को वैश्विक स्तर पर मनाए जाने वाले मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर वियना में तिब्बती समुदाय द्वारा आयोजित प्रदर्शन में चीनी सरकार द्वारा उनके साथी तिब्बतियों के जानबूझकर किए जा रहे उल्लंघनों की ओर ध्यान आकर्षित करने की मांग की गई.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘स्थानीय तिब्बती प्रवासी संगठन के चार प्रतिनिधियों ने तिब्बत में तिब्बतियों के खिलाफ चल रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए चीन की निंदा करते हुए नारे लगाए.’’

बयान के अनुसार, ‘‘वियना में तिब्बती समुदाय द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य तिब्बत में उनके भाइयों के खिलाफ चीनी सरकार द्वारा किए गए इन जानबूझकर उल्लंघनों पर प्रकाश डालना है.’’ तिब्बतियों के मौलिक अधिकारों के लिए चीनी सरकार द्वारा व्यवस्थित उपेक्षा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का घोर उल्लंघन दर्शाती है.

चीन लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करने वाले तंत्र का सम्मान करने और उसका पालन करने के लिए बाध्य है और उस पर तिब्बत, शिनजियांग और हांगकांग में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.

मार्च 2023 में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र समिति द्वारा चीन की तीसरी आवधिक समीक्षा में इन उल्लंघनों को बहुत स्पष्ट रूप से सामने लाया गया. देश को अपने क्रूर कृत्यों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें तिब्बतियों को जबरन पुनर्वास और जबरन श्रम में शामिल करना शामिल है.

बयान में कहा गया है, ‘‘चीन को कई मोर्चों पर जांच का सामना करना पड़ा, जिसमें मानवाधिकार रक्षकों पर अत्याचार करना, तिब्बतियों को जबरन बसाना, जबरन श्रम में शामिल करना, कार्यस्थल पर भेदभाव को बढ़ावा देना, धार्मिक स्वतंत्रता और भाषा अधिकारों में कटौती करना, बोर्डिंग स्कूलों में तिब्बती बच्चों को शामिल करना और सांस्कृतिक नरसंहार करना शामिल है.’’

इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने और ‘तिब्बत में तिब्बतियों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए उनके चल रहे संघर्ष में निर्वासित तिब्बती सरकार का खुलकर समर्थन करने’ का आह्वान किया.

 

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