दुबई
संयुक्त राष्ट्र ने रविवार तड़के ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर एक बार फिर सख्त ‘स्नैपबैक’ प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। इन प्रतिबंधों से ईरान की पहले से ही जूझ रही अर्थव्यवस्था और आम जनता पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है, जो पहले ही भुखमरी, महंगाई और भविष्य की चिंता से परेशान हैं।
इन प्रतिबंधों के लागू होने से पहले संयुक्त राष्ट्र में अंतिम क्षणों तक कूटनीतिक कोशिशें होती रहीं, लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका। रविवार रात 12 बजे (GMT) यानी भारतीय समयानुसार सुबह 5:30 बजे, ये प्रतिबंध प्रभावी हो गए।
नए प्रतिबंधों के तहत:
ईरान की विदेशी संपत्तियां फ्रीज़ कर दी जाएंगी,
तेहरान के साथ हथियारों के सौदे रोके जाएंगे,
और बैलिएस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े किसी भी विकास कार्य पर प्रतिबंध लगेगा।
यह कार्रवाई 2015 के ईरान परमाणु समझौते में शामिल विशेष प्रावधान 'स्नैपबैक मैकेनिज्म' के तहत की गई है, जिसमें उल्लंघन की स्थिति में स्वतः प्रतिबंध बहाल करने का प्रावधान है।
हालांकि, ईरान ने इन प्रतिबंधों को खारिज करते हुए दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र को ऐसा करने का अधिकार नहीं है, और इनका देश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह प्रतिबंध ऐसे समय में आए हैं जब जून में इज़राइल ने 12 दिन का युद्ध छेड़ा था और अमेरिका ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इन घटनाओं ने पहले ही ईरान की स्थिति को गंभीर बना दिया है।