एशिया कप फ़ाइनल: भारत की कमज़ोरियाँ, जिन पर पाकिस्तान की होगी नज़र

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-09-2025
Asia Cup Final: India's weaknesses that Pakistan will be looking to exploit
Asia Cup Final: India's weaknesses that Pakistan will be looking to exploit

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ल्ली

एशिया कप 2025 का समापन एक ऐतिहासिक मुक़ाबले से होने जा रहा है, जहाँ पहली बार भारत और पाकिस्तान की टीमें फ़ाइनल में आमने-सामने होंगी. टूर्नामेंट के इतिहास में यह एक अनोखा पल है.41 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि यह दो चिर-प्रतिद्वंद्वी टीमें खिताबी भिड़ंत में आमने आई हैं. दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम, जिसकी दर्शक क्षमता 28,000 है, इस महामुकाबले के लिए पूरी तरह हाउसफुल हो चुका है. टिकट बिक चुके हैं और करोड़ों दर्शक टीवी स्क्रीन से चिपके रहने वाले हैं.


हालांकि, भारत टूर्नामेंट में अब तक अजेय रहा है. पाकिस्तान को दोनों ग्रुप और सुपर फोर मुकाबलों में करारी शिकस्त दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत अपराजेय है. पाकिस्तान यदि अपनी रणनीति को समझदारी से तैयार करे, तो भारत की कुछ प्रमुख कमज़ोरियों का फायदा उठाकर वह एशिया कप 2025 का विजेता बन सकता है.
भारत की कमज़ोरियाँ जिन पर पाकिस्तान फ़ाइनल में ध्यान दे सकता है
1. कप्तान सूर्यकुमार यादव की खराब फॉर्म

भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव इस टूर्नामेंट में अपनी छवि के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. टी20 प्रारूप में आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए पहचाने जाने वाले सूर्या ने पिछले तीन मुकाबलों में कुल मिलाकर केवल 17 रन बनाए हैं.

यह आंकड़ा भारत के लिए फाइनल जैसे अहम मुकाबले में चिंता का कारण है. कप्तान का फॉर्म से बाहर होना टीम के मनोबल पर भी असर डाल सकता है.पाकिस्तान यदि शुरुआती ओवरों में दबाव बनाकर सूर्यकुमार को जल्द आउट करने में सफल होता है, तो यह भारत के बल्लेबाज़ी क्रम की रीढ़ को तोड़ने जैसा होगा.

2. चोट से जूझते खिलाड़ी: अभिषेक शर्मा और हार्दिक पांड्या

भारतीय टीम के दो अहम खिलाड़ी – सलामी बल्लेबाज़ अभिषेक शर्मा और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या  श्रीलंका के खिलाफ अंतिम सुपर फोर मुकाबले के दौरान ऐंठन की समस्या से जूझते नजर आए. हालांकि टीम मैनेजमेंट ने उन्हें फाइनल से पहले फिट घोषित कर दिया है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि वे 100% फिट हैं या नहीं.

पाकिस्तान के लिए यह एक रणनीतिक अवसर है. यदि शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ जैसे तेज़ गेंदबाज़ इन खिलाड़ियों पर शुरुआती ओवरों में दबाव बनाएं और उन्हें रन बनाने से रोके, तो भारत की शुरुआत लड़खड़ा सकती है.

3. फील्डिंग में ढिलाई: कैच ड्रॉप का संकट

एशिया कप 2025 में भारत की फील्डिंग कई बार सवालों के घेरे में रही है. सुपर फोर के एक अहम मुकाबले में भारत ने चार आसान कैच छोड़े, जिसका खामियाज़ा उन्हें अंत तक भुगतना पड़ा. T20 जैसे तेज़ प्रारूप में एक-एक कैच मैच का रुख पलट सकता है. पाकिस्तान की रणनीति होनी चाहिए कि वो ऐसे बल्लेबाज़ों को ऊपर भेजे जो तेज़ शुरुआत करें, जिससे भारत की फील्डिंग पर दबाव बने और गलतियाँ हों.

4. अनिश्चित गेंदबाज़ी संयोजन

भारत ने श्रीलंका के खिलाफ जसप्रीत बुमराह को आराम दिया था. उनकी जगह हर्षित राणा और अर्शदीप सिंह को मौका मिला. हालांकि अर्शदीप ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई, लेकिन हर्षित राणा की गेंदबाज़ी लाइन और लेंथ के लिहाज़ से बेहद असंगत रही. उनके इरादे और गेंदों की दिशा में तालमेल की कमी दिखी.

यदि फाइनल में भारत ऐसे ही संयोजन के साथ उतरता है, तो पाकिस्तान को मौका मिल सकता है कि वह पावरप्ले में तेज़ी से रन बटोरकर भारत पर दबाव बनाए.

5. बेतरतीब बैटिंग ऑर्डर और निरंतर बदलाव

भारतीय टीम मैनेजमेंट इस टूर्नामेंट में बल्लेबाज़ी क्रम के साथ लगातार प्रयोग करता रहा है. संजू सैमसन और तिलक वर्मा को कभी ऊपर भेजा गया, तो कभी निचले क्रम में। बांग्लादेश के खिलाफ तिलक को सिर्फ़ 7 गेंदें खेलने को मिलीं, जबकि श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 49 रन की बेहतरीन पारी खेली.

ऐसी रणनीति से खिलाड़ी मानसिक रूप से अस्थिर हो सकते हैं. पाकिस्तान को चाहिए कि वे इस अस्थिरता का फायदा उठाएं और अपनी गेंदबाज़ी रणनीति को परिस्थिति अनुसार ढालें. भारत के बल्लेबाज़ अगर स्पष्ट भूमिका में नहीं होंगे, तो वे दबाव में गलत निर्णय ले सकते हैं.

6. भारत की लगातार जीत का दवाब

भारत ने इस टूर्नामेंट में अब तक अपने सभी मुकाबले जीते हैं, जिसमें पाकिस्तान को भी दो बार हराया है. हालांकि यह भारत के आत्मविश्वास के लिए सकारात्मक है, लेकिन लगातार जीत का मनोवैज्ञानिक दबाव भी होता है. यह दबाव कभी-कभी खिलाड़ियों में अति-आत्मविश्वास या थकान का कारण बन सकता है.

पाकिस्तान को चाहिए कि वे "अंडरडॉग" की भूमिका में रहते हुए बिना किसी दबाव के खेलें. जैसा वसीम अकरम ने कहा, "एक अच्छी पारी या एक शानदार गेंदबाज़ी स्पैल पूरे मैच का रुख बदल सकता है." पाकिस्तान के पास शाहीन अफरीदी, हारिस रऊफ, और मोहम्मद नवाज़ जैसे गेंदबाज़ हैं जो मैच का रुख बदल सकते हैं.

7. शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा की साझेदारी को तोड़ना

21 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ सुपर फोर मैच में शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा ने 105 रनों की बड़ी साझेदारी की थी. यह साझेदारी ही थी जिसने भारत को मजबूत स्थिति में पहुँचाया. यदि पाकिस्तान की गेंदबाज़ी जोड़ी इस बार शुरुआत में ही इन दोनों को पवेलियन लौटा देती है, तो भारत का स्कोर बहुत हद तक प्रभावित हो सकता है.

8. पिच और परिस्थितियों का इस्तेमाल

दुबई की पिच आमतौर पर स्पिनरों को मदद देती है. दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करना कठिन हो जाता है. यदि पाकिस्तान टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करता है और भारत को 150-160 के भीतर रोक लेता है, तो लक्ष्य का पीछा करना ज़्यादा आसान हो सकता है. इसके लिए पाकिस्तान के स्पिनर मोहम्मद नवाज़, खुशदिल शाह और अबरार अहमद अहम भूमिका निभा सकते हैं.


9. क्रंच सिचुएशन में भारत का मानसिक दबाव

कई बार भारत ने टूर्नामेंटों के नॉकआउट या फाइनल मुकाबलों में दबाव में आकर गलतियाँ की हैं. यदि पाकिस्तान शुरुआत में ही भारत को झकझोर दे, तो दबाव का असर उनकी रणनीति और फैसलों पर साफ़ दिख सकता है. यह वही स्थिति है जहां पाकिस्तान को संयम और धैर्य से काम लेना होगा.

भारत भले ही एशिया कप 2025 में अब तक अपराजित रहा हो, लेकिन उसकी टीम में कुछ ऐसे छेद हैं जिनका फायदा पाकिस्तान उठा सकता है. सूर्यकुमार यादव की फॉर्म, चोटिल खिलाड़ी, अस्थिर बैटिंग ऑर्डर, कैच छोड़ने की प्रवृत्ति और बॉलिंग कॉम्बिनेशन में असमंजस — ये सभी पहलू पाकिस्तान के लिए मौके हैं.

पाकिस्तान यदि इन पहलुओं पर फोकस करता है और संयम के साथ अपने खिलाड़ियों का प्रदर्शन कराता है, तो वह 13 साल बाद एक बार फिर एशिया कप चैंपियन बन सकता है. जैसा कि वसीम अकरम ने कहा – "यह  क्रिकेट है, और इसमें कुछ भी संभव है." अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक अंजाम दे पाता है, या भारत अपनी जीत की लय को बरकरार रखता है.