वॉशिंगटन
अमेरिका और कोलंबिया के बीच राजनयिक तनाव उस समय और गहरा गया जब अमेरिकी विदेश विभाग ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो का वीज़ा रद्द करने की घोषणा कर दी। यह कड़ा कदम राष्ट्रपति पेत्रो द्वारा न्यूयॉर्क में एक सार्वजनिक प्रदर्शन के दौरान अमेरिकी सेना को ट्रंप के आदेशों की अवज्ञा करने की अपील के बाद उठाया गया।
पेत्रो इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका आए थे। शुक्रवार को गाज़ा युद्ध के खिलाफ एक प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,"मैं अमेरिका की सेना के सभी सैनिकों से कहता हूं, अपनी बंदूकें मानवता पर न तानो और ट्रंप के आदेशों का पालन न करो।"
उनके इस बयान को अमेरिकी प्रशासन ने "लापरवाह और भड़काऊ" करार दिया। विदेश विभाग ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा,"राष्ट्रपति पेत्रो का वीज़ा उनके गैर-जिम्मेदाराना आचरण और उत्तेजक बयानों के कारण रद्द किया जा रहा है।"
हालांकि, विदेश विभाग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वीज़ा रद्द होने के कारण पेत्रो को अमेरिका से तत्काल लौटना पड़ा या नहीं। साथ ही, यह भी नहीं बताया गया कि इस फैसले का उनकी भविष्य की अमेरिका यात्राओं पर क्या असर पड़ेगा।
इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका-कोलंबिया संबंधों में खटास आने की संभावना है। राष्ट्रपति पेत्रो के आलोचक इस बयान को राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन बता रहे हैं, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि उन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा और युद्ध के विरोध में अपनी बात रखी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोलंबिया की सरकार इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया क्या देती है और दोनों देशों के संबंध आगे किस दिशा में बढ़ते हैं।