जेद्दा. मंगलवार को सख्त कोरोनोवायरस प्रोटोकोल के बीच ईद अल-अधा के पहले दिन मॉस्क पहने हज यात्रियों ने शैतान पर पत्थर फेंकने की प्रतीकात्मक रस्म में हिस्सा लिया.
हज के अंतिम अनुष्ठानों में से एक में भाग लेने के लिए हुज्जाज मंगलवार को मीना पहुंचे.
मीना में, हज यात्रियों ने एक रात पहले मुजदलिफा से प्राप्त छोटे कंकड़ और पत्थरों को एक विशाल दीवाल पर फेंका. यह दीवाल शैतान का प्रतिनिधित्व करती है. माना जाता है कि हज यात्री दीवाल को पत्थर मारकर शैतान को पत्थर मार रहे हैं.
यह है वो शैतान की प्रतीक विशाल दीवाल, जिस पर हुज्जाज पत्थर फेंकते हुए
आमतौर पर तीर्थयात्री मुजदलिफा में खुद पत्थर और कंकड़ जमा करते हैं. हालांकि, एक निवारक उपाय के रूप में, उनमें से प्रत्येक को निष्फल कंकड़ का एक बैग मिला, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे किसी भी संक्रमण के संपर्क में नहीं आते हैं.
दीवाल के चारों ओर फर्श पर पीले निशान लगाए गए थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीर्थयात्री एक दूसरे के बीच दो मीटर की दूरी बनाए रखें.
इस बार केवल 60 हजार टीकाकरण वाले नागरिकों और सऊदी अरब के निवासियों को अनुष्ठान करने की अनुमति दी गई है.