कोलंबो
श्रीलंका के विपक्षी दलों ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। विपक्ष ने इसे “अलोकतांत्रिक” और “राजनीतिक प्रतिशोध का छोटा कदम” बताया।
हालाँकि, सत्तारूढ़ नेशनल पीपल्स पावर (NPP) पार्टी ने विपक्ष की आलोचना को “चयनात्मक सार्वजनिक आक्रोश” करार देते हुए कहा कि कानून सबके लिए समान है।
सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने कोलंबो में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी का विरोध किया। उन पर अपने कार्यकाल के दौरान राजकोष के दुरुपयोग का आरोप है।
पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना (जनवरी 2015 – नवंबर 2019) ने कहा—
"हमारा देश हमेशा खुली लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करता रहा है। ऐसे कदम उन बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ हैं।"
श्रीलंका पीपल्स फ्रंट (SLPP) के महासचिव सागरा करियावासम ने कहा कि भले ही उनकी पार्टी विक्रमसिंघे की नीतियों से सहमत नहीं है, लेकिन “राज्य द्वारा डराने-धमकाने और विपक्ष को चुप कराने” की इस कोशिश का वे विरोध करते हैं।
NPP के वकीलों ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कानून राष्ट्रपति, सांसद या सरकारी अधिकारी—सब पर बराबरी से लागू होता है।प्रेसिडेंट्स काउंसिल उपुल कुमारप्पेरुमा ने विपक्ष पर अदालत के फ़ैसले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वकील अकलंका उक्वत्ता ने विपक्ष की “चयनात्मक नाराज़गी” पर सवाल उठाए, वहीं जयंत देहियाट्टगे ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ्तारी पर कोई जनआक्रोश नहीं है और अब कानून “शासकों और आम नागरिकों पर समान रूप से” लागू हो रहा है।
कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल ने रविवार सुबह बताया कि 76 वर्षीय विक्रमसिंघे अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं।अस्पताल निदेशक डॉ. रुक्शन बेल्लाना ने कहा कि अदालत में 10 घंटे से ज़्यादा समय बिताने के कारण उन्हें डिहाइड्रेशन हो गया था। उनकी हालत बिगड़ने से उन्हें निगरानी में रखना पड़ा।
उन्होंने कहा, “कम से कम तीन और दिन ICU में रहना होगा। ऐसे में मंगलवार को उनकी अदालत में पेशी संभव नहीं है।”
विक्रमसिंघे को शुक्रवार को क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) मुख्यालय से गिरफ्तार किया गया। उन्हें दंड संहिता की धारा 386 और 388 तथा पब्लिक प्रॉपर्टीज एक्ट की धारा 5(1) के तहत आरोपित किया गया है। इन धाराओं में न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
शुक्रवार देर रात उन्हें कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहाँ अदालत ने उन्हें 26 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जमानत की अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी गई कि बचाव पक्ष ने कोई “विशेष कारण” पेश नहीं किया।
गिरफ्तारी के बाद उनकी ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ जाने से पहले उन्हें जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल स्थानांतरित किया गया, जहाँ ICU में रखा गया है।