पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ का कहर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-08-2025
Pakistan: Flood wreaks havoc in Khyber Pakhtunkhwa, spread of diseases; Government speeds up compensation payments
Pakistan: Flood wreaks havoc in Khyber Pakhtunkhwa, spread of diseases; Government speeds up compensation payments

 

पेशावर

लगातार बारिश और भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में तबाही मचा दी है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों घर, सड़कें और पुल ध्वस्त हो गए हैं, जबकि कृषि भूमि और बड़ी संख्या में पशुधन बाढ़ में बह गए।

मौतें और बीमारी का खतरा

प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के मुताबिक, 15 अगस्त से अब तक बाढ़ और उससे जुड़े हादसों में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अब प्रभावित आबादी को जलजनित और अन्य संक्रामक बीमारियों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

सरकारी स्वास्थ्य विभाग और गैर-सरकारी संस्थाओं ने प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी स्वास्थ्य शिविर और मोबाइल क्लीनिक स्थापित किए हैं, ताकि डायरिया, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डेंगू, मलेरिया और त्वचा संबंधी बीमारियों जैसे प्रकोप से निपटा जा सके।

पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव अब्दुल गफूर शोरों ने चेतावनी दी, “बाढ़ के बाद की स्थिति और भी खतरनाक है। बीमारियों का फैलाव बाढ़ से ज्यादा जानें ले सकता है। तुरंत एक ठोस रोकथाम योजना बनानी होगी, जिसमें साफ पीने का पानी और स्वच्छता प्राथमिकता हो।”

मानसिक स्वास्थ्य संकट भी गहराया

अल-खिदमत फाउंडेशन के स्वास्थ्य प्रमुख मोहम्मद जाहिद लतीफ ने बताया कि हजारों लोग—ज्यादातर बच्चे—डायरिया, बुखार और त्वचा रोगों की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कई और लोग अब भी सड़कें और पुल टूट जाने के कारण फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा, “शारीरिक चोटें कुछ समय में ठीक हो सकती हैं, लेकिन इस आपदा से हुआ मानसिक आघात लंबे समय तक लोगों को परेशान करेगा।”

केपी स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता अताउल्लाह खान ने बताया कि सरकार ने मनोचिकित्सकों की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजी हैं, ताकि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी समाधान किया जा सके।

मुआवजा भुगतान पर जोर

इस बीच, केपी के मुख्यमंत्री अली अमीन गांडापुर ने बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा भुगतान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रकार के मुआवजे का भुगतान अगले छह दिनों में पूरा किया जाए।

गांडापुर ने कहा,
“मुआवजा भुगतान की गति और तेज होनी चाहिए। नाबालिग अनाथ बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए, ताकि बिना पहचान पत्र और बैंक खाते के भी उन्हें मुआवजा मिल सके। गुमशुदा व्यक्तियों के परिजनों को भी मुआवजा दिया जाए।"

उन्होंने यह भी आदेश दिया कि—

  • प्रत्येक प्रभावित परिवार को 1 लाख रुपये घरों की सफाई और मरम्मत के लिए दिए जाएं।

  • जिनके घर नदियों और नालों के किनारे बह गए हैं, उनके लिए सुरक्षित स्थानों पर नए मकान बनाने पर बातचीत शुरू की जाए।

  • बाजौर में पलायन कर चुके परिवारों को खाद्य सामग्री की बजाय नकद भुगतान किया जाए।

  • स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त टीमें भेजकर घायलों और क्षतिग्रस्त घरों/दुकानों का त्वरित सत्यापन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मुआवजा और पुनर्वास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है और इस प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।