सऊदी अरब ने देशद्रोह के आरोप में दो रक्षा अधिकारियों को दी फाँसी

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 14-09-2023
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रियाद. सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने बताया कि सऊदी अरब साम्राज्य (केएसए) ने गुरुवार, 14 सितंबर को ताइफ क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय के दो कर्मचारियों को देशद्रोह के आरोप में फांसी दे दी. दोनों प्रतिवादियों की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल पायलट माजिद बिन मूसा अवद अल-बलावी और चीफ सार्जेंट यूसुफ बिन रेडा हसन अल-अजौनी के रूप में की गई.

दोनों ने कथित तौर पर कई सैन्य अपराध किए और बाद में उन्हें सितंबर 2017 में गिरफ्तार कर लिया गया. अल-बलावी को सैन्य देशद्रोह और राष्ट्र के हितों और अपनी सैन्य सेवा के सम्मान की रक्षा करने में विफलता का दोषी ठहराया गया था.

अल-अज्जौनी के साथ जांच के परिणामस्वरूप उन्हें तीन रूपों उच्च, राष्ट्रीय और सैन्य राजद्रोह में उच्च राजद्रोह के लिए दोषी ठहराया गया. इसके अलावा उन पर राष्ट्र के हितों और उनकी सैन्य सेवा के सम्मान की रक्षा न करने का आरोप लगाया गया. उनके खिलाफ आरोपों को कबूल करने के बाद उन्हें सक्षम अदालत में भेजा गया और सभी सबूत उपलब्ध कराए गए.

एमनेस्टी इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, किंगडम में अधिकारियों ने 2023 की शुरुआत से कम से कम 100 लोगों को फांसी दी है. मृत्युदंड के आवेदन की जांच करने के राजशाही के वादे के बावजूद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे ‘निरंतर हत्या की होड़’ के रूप में वर्णित किया. 2022 में फांसी की संख्या के मामले में सऊदी अरब दुनिया में तीसरे स्थान पर रहा. किंगडम में रिकॉर्ड की गई फांसी की संख्या 2021 में 65 से तीन गुना बढ़कर 2022 में 196 हो गई.

 


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