आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान सरकार क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), चीन और कतर सहित कई देशों से दैनिक राजनयिक संपर्क में है।
'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, आसिफ ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कहा कि भारत द्वारा हाल ही में किए गए ड्रोन हमले जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि टोही (सर्वेक्षण) उद्देश्यों से किए गए थे। उन्होंने दावा किया कि भारतीय ड्रोन को "सुरक्षित सीमा" में प्रवेश करने की अनुमति जानबूझकर दी गई ताकि संवेदनशील क्षेत्रों को किसी खतरे से बचाया जा सके, फिर उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया।
इस बीच, पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ता तरार ने जानकारी दी कि बुधवार से गुरुवार शाम तक पाकिस्तान ने कम से कम 29 ड्रोन रोके, जबकि गुरुवार रात और शुक्रवार तक 48 अतिरिक्त ड्रोन मार गिराए गए।
हालांकि भारत ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने 7 और 8 मई की रात को भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए लेह से लेकर सर क्रीक तक फैले 36 स्थानों पर 300-400 ड्रोन भेजे थे। भारत की सेना ने इनमें से कई ड्रोन को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद और बढ़ गया, जिसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
आसिफ ने बताया कि इसी तनावपूर्ण पृष्ठभूमि में पाकिस्तान सरकार दैनिक राजनयिक संवाद के ज़रिए तनाव को कम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री अदेल अल-जुबैर, जो हाल ही में नई दिल्ली की यात्रा पर थे, अब इस्लामाबाद पहुंचे हैं। जुबैर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का दौरा किया जहां विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने उनका स्वागत किया।
जियो न्यूज के मुताबिक, सऊदी मंत्री की प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से भी मुलाकात की संभावना है।गौरतलब है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए हैं, जिनमें
सिंधु जल संधि का निलंबन,
अटारी-वाघा बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद करना,
तथा राजनयिक स्तर घटाना शामिल हैं।