आवाज द वाॅयस/हैदराबाद (तेलंगाना)
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रयासों की तीखी आलोचना की, जिनका उद्देश्य भारत में धार्मिक विभाजन पैदा करना है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियाँ धार्मिक एकता से ज्यादा राजनीतिक और रणनीतिक लाभ के लिए धर्म का उपयोग करने से जुड़ी हुई हैं.
धर्म के आधार पर भारतीय समाज को विभाजित करने की पाकिस्तान की कोशिशों के बारे में एएनआई से बात करते हुए, ओवैसी ने कहा, "यह पाकिस्तान का डीप स्टेट है जो अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्लाम का इस्तेमाल एक मुखौटे के रूप में करता है."
ओवैसी ने यह भी कहा कि भारतीय मुसलमानों ने, जिनमें उनके पूर्वज भी शामिल हैं, मुहम्मद अली जिन्ना के 'दो-राष्ट्र सिद्धांत' को अस्वीकार किया और एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक भारत में रहना चुना.
उन्होंने पाकिस्तान द्वारा धर्म को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करने पर असंगति और पाखंड की ओर इशारा किया और कहा, "पाकिस्तान दावा करता है कि वह मुस्लिम हितों का समर्थन करता है, लेकिन वह अफगानिस्तान, ईरान और बलूच जैसे अन्य मुस्लिम समुदायों के साथ हिंसा कर रहा है."
ओवैसी ने कहा, "पाकिस्तान यह भूल जाता है कि भारत में 230 मिलियन से अधिक मुसलमान रहते हैं और हमारे पूर्वजों ने 'दो-राष्ट्र सिद्धांत' को नकारते हुए भारत को अपना देश मानने का निर्णय लिया.
हम पाकिस्तान के उस सिद्धांत को खारिज करते हैं और यहीं रहेंगे. पाकिस्तान भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहता है और यहां के मुसलमानों और हिंदुओं के बीच टकराव पैदा करना चाहता है."
उन्होंने यह भी सवाल उठाया, "अगर पाकिस्तान 'दो-राष्ट्र सिद्धांत' की बात करता है, तो वे अफगानिस्तान, ईरान और बलूचिस्तान पर हमले क्यों कर रहे हैं, जो मुस्लिम हैं?"
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान का डीप स्टेट अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्लाम का इस्तेमाल सिर्फ एक मुखौटा बनाता है.
विशेष रूप से, 'दो-राष्ट्र सिद्धांत' ने यह तर्क दिया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, जिनके रीति-रिवाज, धर्म और परंपराएँ अलग हैं और वे एक राष्ट्र में सह-अस्तित्व नहीं कर सकते.
ओवैसी ने भारत सरकार से पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे को पूरी तरह नष्ट करने का आह्वान किया और सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के डीप स्टेट, ISI और सेना को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी डीप स्टेट, ISI और सेना का उद्देश्य हमेशा भारत को अस्थिर करना और समस्याएँ पैदा करना है. वे अपने देश में आतंकवादियों को प्रायोजित, प्रशिक्षित और आश्रय दे रहे हैं."
ओवैसी ने उपग्रह चित्रों और खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान पर आतंकवादी शिविरों का प्रायोजन करने का आरोप लगाया, जो पाकिस्तान के भीतर आतंकवादियों की उपस्थिति को प्रमाणित करते हैं.
ओवैसी ने कहा, "जब भारत ने बहावलपुर पर बमबारी की, जो एक आतंकवादी संगठन का मुख्यालय था, वहां मारे गए आतंकवादियों की जनाज़ा की नमाज हाफ़िज़ अब्दुर रहूफ़ ने पढ़ी थी.
इस नमाज़ में पाकिस्तानी सेना की पोशाक पहने लोग थे. दुनिया इसे क्यों नहीं देख सकती?" उन्होंने वैश्विक चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, "भारत कब तक इस उकसावे को सहन करेगा? पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर पूर्ण विराम लगना चाहिए."
ओवैसी ने पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों पर भी चिंता जताई, विशेष रूप से पहलगाम हमले को लेकर, जिसमें पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने परिवारों को अलग किया और पुरुषों से कलमा पढ़ने को कहा और ऐसा न करने पर उन्हें गोली मार दी.
उन्होंने कहा, "क्या कोई कल्पना कर सकता है कि ये परिवार जीवन भर किस दर्द और जख्म को झेलेंगे?" उन्होंने पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवाद का अंत करने का आह्वान किया और कहा कि इसे समाप्त किया जाना चाहिए.
इस बीच, भारत ने यह घोषणा की है कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को भारत के खिलाफ 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा और उसी के अनुसार जवाब दिया जाएगा, शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार.