लंदन. मानवाधिकार कार्यकर्ता और यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के अध्यक्ष शौकत अली कश्मीरी ने कहा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) जम्मू और कश्मीर की पूर्व रियासत का हिस्सा है. अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पीओके की जमीन गैर-राज्य विषयों को आवंटित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
शौकत अली कश्मीरी ने ट्वीट किया, ‘‘पीओके (आजाद कश्मीर) जम्मू-कश्मीर की पूर्व रियासत का हिस्सा है और इसकी भविष्य की स्थिति अभी तय होनी बाकी है. प्रकृति में विवादित और यूएनएस के प्रस्तावों के अनुसार पाकिस्तान के पास कोई लुकस स्टैंडी नहीं था. गैर राज्य विषय के लिए एक राज्य भूमि आवंटित करने के लिए अधिकृत नहीं.’’ कश्मीरी का ट्वीट एक असत्यापित अकाउंट के ट्वीट के जवाब में था. ट्वीट के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सिंध हाउस के लिए करीब तीन एकड़ जमीन दी गई है.
जनवरी में, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के प्रवक्ता सरदार नासिर अजीज खान ने कनाडा के सांसद जॉर्ज चहल से मुलाकात की और उन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति, बढ़ते उग्रवाद और आतंकवाद के बारे में जानकारी दी.
सरदार नासिर अजीज खान ने यूकेपीएनपी कैलगरी सम्मेलन में भाग लेने पर चहल को यूकेपीएनपी के निर्वासित अध्यक्ष की शुभकामनाएं और प्रशंसा संदेश दिया. खान ने चहल को कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति और गिलगित बाल्टिस्तान में बढ़ते आतंकवाद, उग्रवाद और पीओके में प्रतिबंधित संगठनों के खुलेआम घूमने के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने आगे कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, बुनियादी ढांचे की कमी, कश्मीरी राष्ट्रवादियों के प्रति भेदभाव, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस और प्रकाशनों पर सख्त प्रतिबंध और कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में संघ की स्वतंत्रता मुख्य चिंताएं हैं. सरदार नासिर अजीज खान ने ट्वीट किया, ‘‘सरदार नासिर अजीज खान, केंद्रीय प्रवक्ता यूकेपीएनपी ने माननीय जॉर्ज चहल, संसद सदस्य कनाडा से मुलाकात की और आजाद कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति, बढ़ते उग्रवाद और आतंकवाद के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी, दोनों नेताओं ने भविष्य के प्रयासों में संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति व्यक्त की.’’
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में शौकत अली कश्मीरी ने गिलगित बाल्टिस्तान में लोगों को बुनियादी अधिकारों से वंचित किए जाने पर चिंता जताई थी. पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए अधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि गिलगित बाल्टिस्तान जम्मू और कश्मीर की पूर्व रियासत का हिस्सा है और पाकिस्तान की नीति का उद्देश्य लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करना और भारतीय भागीदारी के खिलाफ प्रचार करना है.
शौकत अली कश्मीरी ट्विटर पर लिखा, ‘‘गिलगित बाल्टिस्तान जम्मू और कश्मीर की पूर्व रियासत का हिस्सा है और लोगों को बुनियादी अधिकारों से वंचित किया गया है. यह पाकिस्तानी नीति है और लोगों को वंचित करने और भारतीय भागीदारी के खिलाफ प्रचार करने के लिए फैशन है. पाकिस्तानी एक ऐसा देश है जो हमेशा धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करता है.’’
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का क्षेत्र, जिसे पाकिस्तान एक स्वायत्त क्षेत्र होने का दावा करता है, सात दशकों से भी अधिक समय से बुनियादी अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहा है.
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