मुस्कान सूफी की पहली कविता संग्रह को इंटरनेशनल मिली पहचान

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 25-07-2025
Muskan Sufi's first poetry collection gets international recognition, nominated for Indie Authors Award 2025
Muskan Sufi's first poetry collection gets international recognition, nominated for Indie Authors Award 2025

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 
 
मैसूर में पढ़ाई कर रही कोडागु की युवा छात्रा मुस्कान सूफी को उनके पहले कविता संग्रह "दिस टू शैल पास" के लिए प्रतिष्ठित इंडी ऑथर्स अवार्ड 2025 में नामांकित होने पर अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। यह पुस्तक अब अमेज़न पर ऑनलाइन उपलब्ध है।
 
मुस्कान सूफी: कोडागु की एक उभरती हुई कवियत्री

मुस्कान सूफी, जो कि मैसूर के सेंट फिलोमेना कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य और मनोविज्ञान की छात्रा हैं, कोडागु के विराजपेट क्षेत्र की निवासी हैं। वे कोडवा मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। मुस्कान की साहित्यिक उपलब्धियाँ न केवल उनकी गुणवत्ता के कारण सराही जा रही हैं, बल्कि उनकी कम उम्र में ही सफलता पाने वाली कड़ी मेहनत और स्थिर संकल्प ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
 
कविता संग्रह का जन्म: '21 दिनों में 21 कविताएँ' चुनौती

मुस्कान सूफी का कविता संग्रह "दिस टू शैल पास" बुकलीफ प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस संग्रह का जन्म प्रकाशक की "21 दिनों में 21 कविताएँ" चुनौती में मुस्कान की भागीदारी से हुआ। मुस्कान ने 28 से अधिक कविताएँ लिखकर उम्मीदों से कहीं अधिक प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप यह संग्रह तैयार हुआ। यह संग्रह 50 पृष्ठों में संपन्न है, जिसमें दर्द, उपचार, प्रकृति, मृत्यु और मानवीय भावनाओं की जटिलताओं को बखूबी व्यक्त किया गया है।
 
कविताओं का विषय: जीवन की जटिलताएँ और उसकी सुंदरता

मुस्कान की कविताएँ दर्द, उपचार, मृत्यु, और जीवन के विविध पहलुओं को छूने वाली हैं। उनके रचनाएँ न केवल सामाजिक रूप से जागरूक विषयों पर आधारित हैं, बल्कि वे जीवन के क्षणभंगुर क्षणों की सुंदरता और आंतरिक संघर्षों को भी उजागर करती हैं। मुस्कान की सरल लेकिन प्रभावशाली भाषा पाठकों को जीवन के कठिन समय में आशा प्रदान करने का प्रयास करती है।
 
इंडी ऑथर्स अवार्ड 2025 के लिए नामांकन

बुकलीफ की वैश्विक कविता पहलों में दुनिया भर से हज़ारों कवि भाग लेते हैं। इन पहलों में से चयनित शीर्ष प्रविष्टियाँ पुस्तक प्रकाशन और इंडी ऑथर्स अवार्ड के लिए नामांकित की जाती हैं। मुस्कान सूफी के नामांकन ने अंग्रेजी साहित्यिक समुदाय में हलचल मचा दी है, और विशेष रूप से कोडवा मुस्लिम समुदाय के लिए यह गर्व का क्षण बन गया है।
 
मुस्कान का अनुभव: 'सपने से भी आगे'

मुस्कान ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा, "सोशल मीडिया पर इस अभियान के बारे में जानने के बाद मैंने इस चैलेंज में भाग लिया। मुझे हमेशा से अंग्रेजी कविताएँ लिखना पसंद था, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि मेरी कविताएँ प्रकाशित होंगी या इतने प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित की जाएंगी। यह अनुभव मुझे और अधिक साहित्यिक रचनाएँ करने के लिए प्रेरित कर रहा है।"
 
परिवार: प्रेरणा और समर्थन

मुस्कान, दुदियांदा एच. सूफी और मसूदा सूफी की बेटी हैं। उनके पिता, दुदियांदा एच. सूफी, विराजपेट में डीएचएस ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख हैं और कोडवा मुस्लिम एसोसिएशन (KMA) के अध्यक्ष भी हैं। परिवार का समर्थन और प्रोत्साहन मुस्कान के साहित्यिक प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
 
अब उपलब्ध है अमेज़न पर

मुस्कान सूफी की कविता पुस्तक 'दिस टू शैल पास' अब अमेज़न पर खरीदने के लिए उपलब्ध है, और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी काव्य यात्रा की शुरुआत के रूप में उभर कर सामने आई है।