Kargil Vijay Diwas: Army to inaugurate three projects to tell heroic tales of martyrs
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर सेना शनिवार को तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू करेगी जिनका उद्देश्य शहीद सैनिकों की वीरता और बलिदान की कहानियों को आमजन तक पहुंचाना है.
इन परियोजनाओं में एक ऐसा पोर्टल शामिल है जिसकी सहायता से शहीदों को नागरिक 'ई-श्रद्धांजलि' अर्पित कर सकेंगे.
अन्य दो परियोजनाओं में एक क्यूआर कोड आधारित ऑडियो एप्लिकेशन है, जिसके जरिए लोग 1999 के कारगिल युद्ध की कहानियां सुन सकेंगे.
तीसरी परियोजना 'इंडस व्यूपॉइंट' है जिससे लोग बटालिक सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एसओसी) तक जा सकेंगे.
हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.
वर्ष 1999 में इसी दिन भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता की घोषणा की थी, जब तोलोलिंग और टाइगर हिल जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों समेत कारगिल में तीन महीने तक चले संघर्ष के बाद भारत को जीत हासिल हुई थी.
सेना के एक अधिकारी ने बताया, “ई-श्रद्धांजलि परियोजना के माध्यम से अब नागरिक किसी स्मारक के पास गए बिना ही, अपने घर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.”
उन्होंने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य सेना के बलिदानों और उनके कर्तव्य निर्वहन के समय आने वाली कठिनाइयों के बारे में लोगों को जागरूक करना है.
ऑडियो एप्लिकेशन के माध्यम से लोग वर्ष 1999 के युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई की दास्तान सुन सकेंगे.
विजय दिवस पर शुरू होने वाली तीसरी परियोजना इंडस व्यूपॉइंट होगी जिसके तहत आगंतुक बटालिक सेक्टर में एलओसी तक जा सकेंगे.
अधिकारी ने बताया, “यह परियोजना आगंतुकों को यह अनुभव कराएगी कि सैनिक किन कठिन परिस्थितियों और खतरों के बीच देश की सुरक्षा के लिए काम करते हैं.
बटालिक कारगिल युद्ध के प्रमुख युद्धक्षेत्रों में से एक था जहां दुश्मन से लड़ने के साथ ही सैनिकों को दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों से भी जूझना पड़ा था.
करीब 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित बटालिक अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है.