लाहौर. लाहौर की एक आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) ने सोमवार को फैशन डिजाइनर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थक खदीजा शाह की क्वेटा पुलिस को दो दिन की अस्थाई रिमांड दे दी. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला 9 मई के विरोध प्रदर्शन से संबंधित है.
शाह वर्तमान में कोट लखपत जेल में कैद है. उन्हें लाहौर कोर कमांडर के घर, अस्करी टॉवर पर हमले और छावनी में राहत बेकरी के पास पुलिस वाहनों को जलाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. अब तक उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों की सुनवाई लाहौर में हो रही है.
इससे पहले 15 नवंबर को एटीसी ने शाह को उनके खिलाफ 9 मई के विरोध प्रदर्शन के चौथे और आखिरी मामले में जमानत दे दी थी. हालांकि, डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें 17 नवंबर को सार्वजनिक व्यवस्था रखरखाव (एमपीओ) अध्यादेश के तहत 30 दिनों के लिए फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था.
शाह ने बाद में हिरासत को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ बताते हुए लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. आज, पंजाब सरकार ने लाहौर एचसी में एक अधिसूचना प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि उसने शाह की हिरासत के आदेश को ‘तत्काल प्रभाव से’ वापस ले लिया है.
हालाँकि, शाह की रिहाई से पहले, क्वेटा पुलिस ने न्यायाधीश आभार गुल के एटीसी में एक और अनुरोध दायर कर उसकी ट्रांजिट रिमांड की मांग की. डॉन के अनुसार, अदालत ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और जांच अधिकारी शाह को दो दिनों के लिए हिरासत में दे दिया. एटीसी ने क्वेटा पुलिस को शाह को 13 दिसंबर को अदालत में पेश करने का भी निर्देश दिया.
इस बीच, आज 3-एमपीओ के तहत उनकी हिरासत के खिलाफ शाह की याचिका पर सुनवाई के दौरान, बैरिस्टर समीर खोसा ने एलएचसी के न्यायमूर्ति अली बकर नजफी को पीटीआई समर्थक को क्वेटा पुलिस हिरासत में भेजने के एटीसी के फैसले के बारे में बताया.
शाह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो साझा किए, जिसमें लाहौर कोर कमांडर के निवास जिन्ना हाउस के बाहर पीटीआई के विरोध प्रदर्शन में उनकी भागीदारी दिखाई गई. इसके बाद, कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, और शाह को बर्बरता और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमलों में उनकी कथित भूमिका के लिए कई आरोपों का सामना करना पड़ा.
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