मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू बोले ‘भारत हमेशा से सबसे करीबी सहयोगी और अमूल्य साझेदार’

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 10-08-2024
S Jaishankar meet Mohammed Muizzu
S Jaishankar meet Mohammed Muizzu

 

मालदीव. भारत को ‘सबसे करीबी सहयोगी’ और ‘अमूल्य साझेदार’ बताते हुए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार को दोनों पड़ोसी देशों के बीच ‘ऐतिहासिक और करीबी संबंधों’ को मजबूत करने के लिए अपने प्रशासन की ‘पूर्ण प्रतिबद्धता’ की पुष्टि की.

विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर की मौजूदगी में मालदीव के 28 द्वीपों पर पूरी हो चुकी जल आपूर्ति और सीवरेज सुविधाओं को सौंपने के लिए राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित समारोह में मुइज्जू ने कहा, ‘‘भारत हमेशा से ही सबसे करीबी सहयोगी और अमूल्य साझेदार रहा है, जिसने मालदीव को जब भी जरूरत पड़ी है, सहायता प्रदान की है.’’ यह सुविधा भारत सरकार की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) सुविधा द्वारा भारत के एक्जिम बैंक के माध्यम से वित्तपोषित की गई है.

अपने भाषण में, मुइजू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये परियोजनाएँ भारत के साथ मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं और इनसे महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिलेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा और साथ मिलकर राष्ट्र की समृद्धि में योगदान मिलेगा.

उन्होंने मालदीव को ‘उदार और निरंतर सहायता’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार और भारत के मित्रवत लोगों के प्रति ‘गहरी कृतज्ञता’ भी व्यक्त की. राष्ट्रपति कार्यालय ने समारोह के बाद एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय अनुदान सहायता के तहत उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाएँ सामाजिक-आर्थिक विकास में दोनों देशों की घनिष्ठ भागीदारी को प्रदर्शित करती हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस पहल के हिस्से के रूप में अब कई क्रांतिकारी पहल चल रही हैं और योजना समुदायों तक उनकी डिलीवरी में तेजी लाने की है. उन्होंने ऋण व्यवस्था के पुनर्गठन में दी गई लचीलेपन के लिए भी प्रशंसा व्यक्त की.’’

मुइजू ने इस बात पर जोर देकर अपने भाषण का समापन किया कि सदियों की दोस्ती, आपसी सम्मान और रिश्तेदारी की मजबूत भावना ने मालदीव और भारत के बीच संबंधों को पोषित किया है.

 

बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने आगे कहा कि मालदीव के लोग भारतीय लोगों के साथ गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देते हैं और इसके संरक्षण और संवर्द्धन के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’

विदेश मंत्री जयशंकर के साथ अपनी बैठक के दौरान, मालदीव के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अपनी हाल की भारत यात्रा को भी याद किया और प्रधानमंत्री के साथ-साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के अवसर और निमंत्रण के लिए प्रशंसा व्यक्त की. विदेश मंत्री जयशंकर ने मुइज्जू के साथ अपनी बैठक और मालदीव के 28 द्वीपों में जल और स्वच्छता परियोजनाओं के वर्चुअल उद्घाटन के बाद पोस्ट किया, ‘‘राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करके गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन पहुँचाया. हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ.’’

इससे पहले, जयशंकर ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ द्विपक्षीय बैठक की. चर्चा समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त पहल और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के साझा लक्ष्य पर केंद्रित थी. विदेश मंत्री ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर और देश के जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और ऊर्जा मंत्री थोरिक इब्राहिम के साथ माले के लोनुजियाराय पार्क में एक प्रतीकात्मक वृक्षारोपण समारोह में भी भाग लिया.

शुक्रवार को भारत से आने के तुरंत बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय में भारत से अनुदान सहायता के तहत उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं के तहत कार्यान्वित छह परियोजनाओं के उद्घाटन और हस्तांतरण के अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया, साथ ही मालदीव के आर्थिक विकास और व्यापार मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के बीच एकीकृत भुगतान प्रणाली पर एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान भी किया गया. इसके अतिरिक्त, मालदीव के सिविल सेवा आयोग और भारतीय उच्चायोग के बीच 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण के लिए एक विनिमय नोट का आदान-प्रदान किया गया.

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा, ‘‘मैंने मालदीव के समुदायों के जीवन को आगे बढ़ाने में उनकी उदार सहायता के लिए भारत के लोगों और सरकार के प्रति अपनी हार्दिक सराहना व्यक्त की. मैंने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत और गहरा करने के लिए द्विपक्षीय,क्षेत्रीय और बहुपक्षीय रूप से भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया.ष् मीडिया को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने जनवरी 2023 के बाद से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर द्वीपसमूह की अपनी पहली यात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला.’’

 

ये भी पढ़ें :   गजपुर के ग्रामीणों ने हिंदू-मुस्लिम एकता पर हमले की साजिश को किया नाकाम