पाकिस्तान सरकार के खिलाफ गिलगित में लॉन्ग मार्च शुरू, काफिले जुटने लगे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 28-01-2024
Protest in Gilgit
Protest in Gilgit

 

गिलगित-बाल्टिस्तान, पीओके. स्थानीय मीडिया डेली के2 के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान में गेहूं की कीमतें बढ़ाने की प्रांतीय सरकार की योजना के खिलाफ आंदोलन दैनिक आधार पर तेज हो रहा है. वाहनों और मोटरसाइकिलों में हजारों लोगों के काफिले लगातार इस क्षेत्र में आ रहे हैं, जिससे शहर के बाजारों में पार्किंग की जगह की कमी हो गई है.

अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष बहादुर अमन के नेतृत्व में गठित कोर कमेटी विरोध कारवां का नेतृत्व कर रही है. विशेष रूप से, गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा के पूर्व सदस्य और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ गिलगित क्षेत्र के अध्यक्ष राजा जहांजेब भी विरोध का हिस्सा हैं.

हुंजा इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग विरोध जताने के लिए गिलगित पहुंचे हैं. डेली के2 की रिपोर्ट के अनुसार, अवामी एक्शन कमेटी के समन्वयक फिदा हुसैन के अनुसार, हर कोई अपने खर्च पर आया है. डायमर और नगर से लंबे मार्च के काफिले निकल रहे हैं. आज हम दिन में गिलगित जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित मांग पत्र को मंजूरी मिलने तक प्रदर्शन और धरना जारी रहेगा, जिसमें पुराने गेहूं की कीमतों की बहाली, सब्सिडी कटौती की घोषणा को वापस लेना और वित्त अधिनियम 2023 को निरस्त करना शामिल है.

शनिवार को अवामी एक्शन कमेटी गैंचे के अध्यक्ष और सदस्य समन्वय समिति सैयद नजर अब्बास काजमी के नेतृत्व में लोगों ने 33वें दिन भी धरना दिया. सियाचिन हाईवे बार्स परी खापलू में चल रहे विरोध प्रदर्शन में, अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष गैंचे सैयद नजर अब्बास काजमी, वरिष्ठ पत्रकार इकबाल, पूर्व मंत्री गुलाम हुसैन एडवोकेट और अन्य हस्तियों ने गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार और जिला प्रशासन से बात करने की मांग की.

अपनी प्रस्तुति में, अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष गैन्चे ने कहा कि विरोध का अगला चरण माशा ब्रोम और सियाचिन सीमा से स्कर्दू तक मार्च होगा. केंद्रीय नेताओं से चर्चा के बाद गिलगित तक मार्च करेंगे.

 

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