अर्सला खान/नई दिल्ली
महावीर चक्र विजेता मोहम्मद इस्माइल, एक नागरिक मजदूर थे, जिन्हें 1947-48 के भारत-पाक युद्ध के दौरान जम्मू-कश्मीर में अपनी वीरता के लिए सम्मानित किया गया था. उन्हें एक टोही गश्ती दल पर घात लगाकर किए गए हमले में एक घायल व्यक्ति को बचाने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
मोहम्मद इस्माइल एक सिविल पोर्टर थे, जिन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था. 14 सितंबर 1948 में ज़ोजिला दर्रे पर एक और हमले के दौरान, इस्माइल ने एक गाइड के रूप में यूनिट के साथ जाने की पेशकश की. इतना ही नहीं उन्होंने देश के लिए काफी कुछ किया.
भारतीय राष्ट्रवादी मुस्लिम राजनेता भी रहे
मोहम्मद इस्माइल तमिलनाडु और केरल के भारतीय राष्ट्रवादी मुस्लिम राजनेता, चमड़े और मांस उद्योग से जुड़े एक प्रसिद्ध व्यवसायी थे. वह स्वतंत्रता से पहले जिन्ना के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के सदस्य थे.
जिन्ना के द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के मुद्दे पर तथा भारत विभाजन पर अखिल भारतीय मुस्लिम लीग का भारतीय पक्ष वाला एक धड़ा पार्टी से अलग हो गया, मुस्लिम लीग भंग हो गई.
उन्होंने भारत विभाजन (1947) के बाद उन्होंने भारतीय पक्ष वाले धड़े के साथ मिलकर इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग के नींव रखी और संस्थापक अध्यक्ष चुने गए. उन्हें तमिलनाडु और केरल में "कायदे-ए-मिल्लत" ("राष्ट्र के नेता") के रूप में जाना जाता है.
बहादुरी की मिसाल
1947-48 में जम्मू और कश्मीर के ज़ोजिला दर्रे पर एक गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया गया था. एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया और बर्फ से ढकी ढलान से लुढ़क गया.
इस्माइल ने अकेले ही घायल व्यक्ति को ढूंढकर, अपने कंबल में लपेटकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर यह काम किया, जो दुश्मन की गोलाबारी के बीच था.
इतना ही नहीं 14 सितंबर 1948 में ज़ोजिला दर्रे पर एक और हमले के दौरान, इस्माइल ने एक गाइड के रूप में यूनिट के साथ जाने की पेशकश की. भारी गोलाबारी के बावजूद, उन्होंने यूनिट का मार्गदर्शन किया.
साथ ही एक छिपा हुए एमएमजी ने अग्रिम पंक्ति को नष्ट कर दिया और इस्माइल को कैदी बना लिया गया. उन्होंने मुसलमान होते हुए, देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी.
इन पुरस्कार से नवाजा गया
इस्माइल के इन दो वीरतापूर्ण कार्यों को देखते हुए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार उनके साहस, कर्तव्य के प्रति समर्पण और व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति उनकी उपेक्षा का प्रमाण है.
क्यों दिया जाता है ये सम्मान?
महावीर चक्र (MVC) भारत का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है, जो दुश्मन की उपस्थिति में जमीन, समुद्र या हवा में वीरता के कार्यों के लिए दिया जाता है. मोहम्मद इस्माइल को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया था.