दुबई
गाज़ा में संघर्ष विराम के अमेरिकी प्रस्ताव के बीच इज़राइल ने मंगलवार को कतर में हमास के राजनीतिक मुख्यालय को निशाना बनाते हुए बड़ा हमला किया। धमाके के बाद दोहा के आसमान पर काला धुआं छा गया। हमास ने कहा कि इस हमले में उसके शीर्ष नेता तो सुरक्षित रहे, लेकिन निचले स्तर के पांच सदस्य मारे गए, जिनमें गाज़ा वार्ताकार खलील अल-हय्या का बेटा भी शामिल है।
हमले में कतर की आंतरिक सुरक्षा बल का एक सदस्य भी मारा गया, जबकि कई लोग घायल हुए। क़तरी गृह मंत्रालय ने हमले की पुष्टि करते हुए इसे ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून और मानदंडों का घोर उल्लंघन’’ बताया।
इस कार्रवाई ने हमास के खिलाफ इज़राइल के अभियान को और व्यापक बना दिया है। कतर, जो लंबे समय से इज़राइल और हमास के बीच मध्यस्थता करता रहा है और अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी करता है, ने इस हमले की कड़ी निंदा की।
अमेरिका को पहले से जानकारी
व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि इज़राइल ने हमले से पहले अमेरिका को सूचित कर दिया था और अमेरिका ने यह सूचना क़तर तक पहुंचा दी थी। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताते हुए कहा कि ऐसे हमले क्षेत्र में शांति स्थापित करने में मददगार नहीं होंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात भी की।
इज़राइल ने ली हमले की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सार्वजनिक रूप से कहा, ‘‘इज़राइल ने यह हमला किया, इसे अंजाम दिया और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेता है।’’ उन्होंने बताया कि यरुशलम में गोलीबारी और गाज़ा में इज़राइली सैनिकों पर हमले के बाद यह कदम उठाया गया।
इज़राइली सेना ने कहा कि उसने ‘‘सटीक गोला-बारूद और विशेष खुफिया जानकारी’’ का इस्तेमाल किया। यह लगभग दो साल से जारी युद्ध के दौरान दूसरी बार है, जब क़तर पर सीधा हमला हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय निंदा तेज़
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, ‘‘सभी पक्षों को स्थायी युद्धविराम की दिशा में काम करना चाहिए, न कि उसे कमजोर करने का।’’सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने क़तर के शासक से बातचीत कर इस हमले को ‘‘आपराधिक कृत्य’’ और ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन’’ बताया।
कतर स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने प्रतिष्ठानों के लिए ‘‘आश्रय-स्थल आदेश’’ जारी कर दिया है।
युद्धविराम वार्ता पर संकट
7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए युद्ध के बाद हमास लगातार झटके झेल रहा है, लेकिन गाज़ा में उसका असर अभी भी बना हुआ है। ताज़ा हमले से पहले ही ठप पड़ी युद्धविराम वार्ता और अनिश्चित हो गई है। इज़राइल गाज़ा शहर पर कब्ज़े की तैयारी कर रहा है, जबकि आलोचकों को डर है कि इससे बंधकों की जान को खतरा और बढ़ सकता है।