न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन
भारत और अमेरिका के बीच ठंडी पड़ चुकी द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के संकेत देते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि दोनों देशों के लिए व्यापार वार्ता में सफल निष्कर्ष तक पहुँचना कोई कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे आने वाले हफ्तों में अपने “बहुत अच्छे मित्र” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं।
ट्रम्प ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर पोस्ट में कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रख रहे हैं। मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी, से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों महान देशों के लिए सफल निष्कर्ष निकालना कोई कठिनाई नहीं होगी।”
ट्रम्प के बयान से यह संकेत मिलता है कि भारत-अमेरिका के संबंधों में हाल के वर्षों में आए तनाव के बाद सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। पिछले कुछ समय में दोनों देशों के रिश्ते शुल्कों और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं।
अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी क्रूड ऑयल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क शामिल है। भारत ने इसे "अन्यायपूर्ण, अनुचित और तर्कहीन" करार दिया।
ट्रम्प ने कहा था, “मैं हमेशा मोदी का मित्र रहूँगा, वे एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन इस समय जो वे कर रहे हैं, वह मुझे पसंद नहीं आया। भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं, चिंता की कोई बात नहीं है, बस कभी-कभी थोड़े मतभेद हो जाते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्रम्प के इस सकारात्मक मूल्यांकन की सराहना करते हुए कहा, “मैं राष्ट्रपति ट्रम्प की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक आकलन की गहराई से सराहना करता हूँ और पूरी तरह उसका जवाब देता हूँ। भारत और अमेरिका के बीच एक बहुत सकारात्मक और भविष्योन्मुख व्यापक एवं वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।”
रूसी तेल की खरीद पर ट्रम्प ने अपनी असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत निराशा हुई कि भारत इतनी मात्रा में तेल रूस से खरीद रहा है।
भारत ने इसके जवाब में स्पष्ट किया कि उसका ऊर्जा अधिग्रहण राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों से प्रेरित है। पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए और यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की आपूर्ति से परहेज किया, जिसके चलते भारत ने डिस्काउंट पर रूसी तेल खरीदना शुरू किया।
ट्रम्प ने Truth Social पोस्ट में लिखा, “ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन को सौंप दिया। वे साथ मिलकर लंबा और समृद्ध भविष्य बनाएं।”
इस पोस्ट के साथ ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के नेता शी जिनपिंग के साथ पुरानी तस्वीर भी साझा की। यह पोस्ट ऐसे समय में आई जब शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में मोदी, शी और पुतिन की दोस्ताना मुलाकात ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया।