आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ईरान में ‘केरमान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज’ के 21 वर्षीय छात्र फैजान अली को कभी परिवार के सदस्यों से इतने फोन नहीं आए, जितने इन दिनों आ रहे हैं.
श्रीनगर के रहने वाले अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच उनके परिवार के सदस्य उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. फैजान ने ‘व्हाट्सएप कॉल’ पर कहा, ‘‘मैं कक्षा सात से बोर्डिंग स्कूल में हूं और मुझे अपने परिवार के सदस्यों से रोजाना बात करने की आदत नहीं है. लेकिन जब से इजराइल ने ईरान पर हमला किया है, तब से मेरा परिवार दिन में 10 बार फोन कर मेरा हालचाल पूछ रहा है.
मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्र अली ने कहा कि उनकी परीक्षाएं मंगलवार को समाप्त होने वाली थीं, लेकिन विश्वविद्यालय ने परीक्षाएं रद्द करने और अक्टूबर तक विश्वविद्यालय को बंद करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा,‘‘हमें बताया गया है कि हम घर वापस जा सकते हैं. हमारे विश्वविद्यालय में कश्मीर के 120 से ज्यादा छात्र हैं. लेकिन हमारा स्थान अपेक्षाकृत सुरक्षित है. तेहरान में काफी नुकसान हुआ है. पिछले कुछ दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार की रात को सब कुछ सामान्य था, लेकिन अगली सुबह जब वे जगे तो स्थिति बिल्कुल अलग थी.
उन्होंने कहा, ‘‘हर तरफ डर था. हमने गोलियों की आवाज़ सुनी. तेहरान में छात्र वाकई डरे हुए हैं. चूंकि यह देश का केंद्र है, इसलिए निकासी भी एक चुनौती है. लेकिन मैंने सुना है कि छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.’’ मेडिकल छात्र ने कहा कि उसे उम्मीद है कि उन्हें सोमवार शाम या मंगलवार सुबह तक निकाल लिया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उन्होंने ईरान में फंसे केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की और उन्हें आश्वासन दिया गया कि सभी भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. इजराइल द्वारा हमले शुरू करने के बाद देश में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर रविवार को ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों से सतर्कता बरतने और सोशल मीडिया के माध्यम से तेहरान स्थित भारतीय दूतावास के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए कहा गया था.