न्यूयॉर्क/वाशिंगटन
अमेरिका ने भारत को एक रणनीतिक साझेदार बताया है, जिसके साथ वह पूर्ण और स्पष्ट संवाद करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल की खरीद और भारत-अमेरिका व्यापार असंतुलन को लेकर नई दिल्ली के प्रति अपनी चिंताएं स्पष्ट रूप से प्रकट की हैं। यह जानकारी विदेश विभाग के प्रिंसिपल डिप्टी प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ने भारत को लेकर जिन चिंताओं को सामने रखा है, उनमें व्यापार असंतुलन और रूसी तेल की खरीद को लेकर स्पष्टता रही है। आपने देखा है कि उन्होंने इस पर सीधे तौर पर कार्रवाई भी की है।”
पिगॉट से यह सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन दौरे के संदर्भ में पूछा गया था। यह सात वर्षों में पीएम मोदी की चीन की पहली यात्रा होगी।
उन्होंने कहा, “भारत हमारे लिए एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट संवाद करते हैं, और यह संवाद जारी रहेगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस मुद्दे पर बात की है।
पिगॉट ने कहा, “विदेश नीति में यह सामान्य बात है कि हर मुद्दे पर 100 प्रतिशत सहमति नहीं हो सकती। लेकिन राष्ट्रपति की चिंताएं—चाहे वह व्यापार असंतुलन हो या रूसी तेल की खरीद—बिलकुल स्पष्ट रही हैं, और उन्होंने इस पर कदम भी उठाए हैं।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका-भारत संबंधों में गिरावट को लेकर चिंता है और क्या भारत चीन की ओर झुक सकता है, तो पिगॉट ने ज़ोर देकर कहा कि यह “एक ईमानदार, पूर्ण और स्पष्ट संवाद” का हिस्सा है, जो राष्ट्रपति द्वारा स्पष्ट रूप से प्रस्तुत की गई वास्तविक चिंताओं को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, “इन चिंताओं का समाधान करना आवश्यक है, और यही स्पष्ट संवाद का उद्देश्य भी है।”
अंत में उन्होंने कहा, “यह सब अमेरिका के हितों को आगे बढ़ाने के लिए खुले और स्पष्ट कूटनीतिक संवाद का हिस्सा है, ताकि हम अपने साझेदारों के साथ ऐसी चिंताओं का समाधान कर सकें, जिन्हें सुलझाना ज़रूरी है।”