भारत यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है: व्हाइट हाउस के पीटर नवारो का दावा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-08-2025
India fuelling Ukraine war: White House trade adviser Peter Navarro claims
India fuelling Ukraine war: White House trade adviser Peter Navarro claims

 

वॉशिंगटन

व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर रूस से सस्ते तेल की खरीद को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भारत रूसी कच्चा तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को "लंबा खींच रहा है" और "क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्रोमैट" की भूमिका निभा रहा है।

नवारो ने कहा, “भारत को यह मानने की जरूरत है कि वह इस खून-खराबे में अपनी भूमिका निभा रहा है। उन्हें रूसी तेल की आवश्यकता नहीं है, यह सिर्फ रिफाइनिंग के जरिए मुनाफा कमाने की योजना है। मैं भारत से प्यार करता हूँ, मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन कृपया वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका देखें। जो आप कर रहे हैं, वह शांति नहीं ला रहा, बल्कि युद्ध को बढ़ा रहा है।”

उनका बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका की पूर्व राजनयिक निक्की हेली ने भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में "लोकतांत्रिक और अहम साझेदार" बताया था। उन्होंने चेताया था कि अमेरिका-भारत संबंधों में 25 वर्षों की प्रगति को नुकसान पहुँचाना “रणनीतिक आपदा” होगा।

इस बीच, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स ने भी ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले को “विनाशकारी और आत्मघाती कदम” बताया। सैक्स ने कहा कि ये टैरिफ वर्षों से बन रहे भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर करेंगे और यह कदम “रणनीति नहीं, बल्कि तोड़फोड़” है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में भारतीय वस्तुओं पर 25% शुल्क लगाया था और कुछ ही दिनों बाद इसे बढ़ाकर 50% कर दिया, यह कहते हुए कि भारत अब भी रूस से तेल खरीद रहा है।

नवारो ने कहा कि फरवरी 2022 से पहले भारत रूसी तेल का लगभग 1% से भी कम आयात करता था, जबकि अब यह बढ़कर 35-40% हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय रिफाइनर सस्ते रूसी तेल को खरीदकर उसे यूरोप, अफ्रीका और एशिया में प्रीमियम दाम पर बेचते हैं, जिससे रूस को युद्ध के लिए धन मिलता है।

भारत के खिलाफ उठे इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अमेरिका ने खुद भारत से वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए रूसी तेल खरीदने का आग्रह किया था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन और यूरोपीय संघ रूस से ऊर्जा खरीदने में भारत से कहीं बड़े खरीदार हैं।

उधर, भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर चीन ने भी आपत्ति जताई है। भारत में चीन के राजदूत शू फीहोंग ने कहा कि “चुप्पी या समझौता बुलियों को और बढ़ावा देता है। चीन भारत के साथ खड़ा रहेगा ताकि बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था की रक्षा की जा सके।”

भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि वह “राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।” मंत्रालय ने कहा, “हमारी ऊर्जा खरीद बाजार आधारित है और 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जाती है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने केवल भारत को निशाना बनाया है, जबकि कई अन्य देश भी यही कर रहे हैं।”