आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
नीदरलैंड की एक मस्जिद के इमाम को उस समय निलंबित कर दिया गया जब उन्होंने इज़राइली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग से मुलाक़ात की और अरबी में इज़रायली राष्ट्रगान गाया। यह मुलाक़ात सोमवार, 7 जुलाई को यूरोप के विभिन्न देशों से आए 15 इमामों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई थी।
निलंबित इमाम की पहचान यूसुफ़ मिसिबिह के रूप में हुई है, जो नीदरलैंड के उत्तरी शहर अलकमार स्थित बिलाल मस्जिद में इमामत करते थे। एक वायरल वीडियो में उन्हें इज़राइली राष्ट्रपति के साथ खड़े होकर इज़रायली राष्ट्रगान 'हातिक्वा' को अरबी में गाते हुए देखा गया।
मंगलवार को बिलाल मस्जिद की ओर से जारी बयान में कहा गया,"इमाम यूसुफ़ मिसिबिह के हालिया राजनीतिक बयानों और गतिविधियों को देखते हुए मस्जिद प्रबंधन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है। अब उनका मस्जिद से कोई संबंध नहीं है।"
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विवादों में रहने वाले फ्रांसीसी इमाम हसन चालगोमी ने किया। वह पेरिस के समीप संत-संत-डेनिस की एक मस्जिद के इमाम हैं और लंबे समय से इज़राइली संगठनों के संपर्क में रहे हैं।
हसन चालगोमी 2019 में इज़रायली बस्तियों के न्यौते पर वेस्ट बैंक की यात्रा भी कर चुके हैं। उन्हें मुस्लिम जगत में इज़राइल समर्थक रुख के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर यूरोपीय मुस्लिम समुदाय में तीव्र असंतोष देखा जा रहा है। कई धार्मिक नेताओं और संगठनों ने इसे मुस्लिमों के संघर्षों और फिलिस्तीनी अधिकारों के साथ विश्वासघात करार दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना यूरोप में मुस्लिम नेतृत्व के राजनीतिक प्रभाव और धार्मिक प्रतिनिधित्व पर बहस को और तेज़ कर सकती है।