दुबई
यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक और जहाज़ पर घातक हमला किया है। लाइबेरियाई ध्वज वाले और यूनानी स्वामित्व वाले ‘इटरनिटी सी’ मालवाहक पोत पर हुए इस हमले में तीन नाविकों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह जानकारी यूरोपीय संघ की नौसेना ऑपरेशन फोर्स 'एस्पाइड्स' और सुरक्षा एजेंसी एम्ब्रे ने दी।
यह हमला हूतियों द्वारा रविवार को किए गए एक अन्य हमले के ठीक बाद हुआ है, जब उन्होंने एक अन्य जहाज़ ‘मैजिक सीज’ को निशाना बनाकर डुबोने का दावा किया था। ये हमले यह संकेत देते हैं कि हूती विद्रोही अब फिर से लाल सागर में वाणिज्यिक नौवहन को बाधित करने का अभियान शुरू कर सकते हैं।
कैसे हुआ हमला?
सोमवार देर रात, ‘इटरनिटी सी’ पोत जब स्वेज नहर की ओर बढ़ रहा था, तभी उस पर छोटी नौकाओं में सवार लोगों और बम से लैस ड्रोन से हमला किया गया। जहाज़ पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन हमला बेहद घातक साबित हुआ। हमले में घायल एक नाविक का पैर काटना पड़ा।
इस हमले के बाद जहाज़ बिना नियंत्रण के लाल सागर में बह रहा है और चालक दल के अन्य सदस्य उसी पर फंसे हुए हैं।
हूतियों ने नहीं ली ज़िम्मेदारी, लेकिन शक उन्हीं पर
हालांकि हूती विद्रोहियों ने इस ताजा हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यमन की निर्वासित सरकार और यूरोपीय बल ने इसके लिए उन्हें ही ज़िम्मेदार ठहराया है।
रविवार के ‘मैजिक सीज’ हमले में हूतियों ने ड्रोन, मिसाइल, ग्रेनेड और छोटे हथियारों से हमला किया था, जिसके बाद चालक दल के 22 सदस्य जहाज़ छोड़कर भागने को मजबूर हो गए थे। हूतियों ने बाद में दावा किया कि जहाज़ डूब गया है।
पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर
इन हमलों के साथ-साथ इजराइल द्वारा हूती ठिकानों पर किए गए हवाई हमले, ईरान-इजरायल युद्ध और अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु केंद्रों पर किए गए हमले पहले ही क्षेत्र को भयावह तनाव की ओर धकेल चुके हैं।
अब यह आशंका गहराने लगी है कि यदि हूती हमले और तेज़ हुए तो अमेरिकी और पश्चिमी सेनाओं को फिर से क्षेत्र में सक्रिय हस्तक्षेप करना पड़ सकता है — खासकर तब जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हाल ही में हूतियों के खिलाफ बड़ा हवाई हमला किया है।
इन घटनाक्रमों से साफ है कि लाल सागर अब फिर से एक सुरक्षा संकट के केंद्र में है, जो वैश्विक व्यापार मार्गों और तेल आपूर्ति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।