Lord Swaraj Paul left a legacy of entrepreneurship and philanthropy, breathed his last at the age of 94
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
जालंधर की गलियों से ब्रिटेन तक का सफर तय करने वाले लॉर्ड स्वराज पॉल का बृहस्पतिवार शाम लंदन में निधन हो गया। वह अपने पीछे उद्यमिता एवं परोपकारी कामों की समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं.
ब्रिटेन स्थित कपारो उद्योग समूह के संस्थापक लॉर्ड पॉल हाल ही में बीमार पड़ गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 21 अगस्त की शाम को उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में अंतिम सांस ली। वह 94 वर्ष के थे.
प्यारे लाल के घर में 18 फरवरी 1931 को जन्मे लॉर्ड पॉल अपने जीवन के शुरुआती दिनों में ही व्यवसाय से परिचित थे. लॉर्ड पॉल के पिता बाल्टियों और अन्य कृषि उपकरणों सहित इस्पात के सामान बनाने के लिए एक छोटा सा ढलाईखाना चलाते थे.
लॉर्ड पॉल ने इस अनुभव का इस्तेमाल करते हुए ब्रिटेन में कपारो ग्रुप की स्थापना की जो एक विविध व्यवसाय इकाई है. यह मुख्य रूप से मूल्यवर्धित इस्पात और विशिष्ट इंजीनियरिंग उत्पादों के डिजाइन, निर्माण, विपणन एवं वितरण में लगी है.
जालंधर में हाई स्कूल की शिक्षा और 1949 में पंजाब विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद लॉर्ड पॉल मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के लिए अमेरिका चले गए.
एमआईटी में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भारत लौट आए और अपने पारिवारिक व्यवसाय एपीजे सुरेंद्र ग्रुप (जो भारत के सबसे पुराने व्यापारिक समूहों में से एक है) में शामिल हो गए. 1966 में अपनी बेटी अंबिका का ‘ल्यूकेमिया’ का इलाज कराने के लिए वह ब्रिटेन गए. दुर्भाग्यवश चार साल की उम्र में उनकी बेटी का निधन हो गया.
बाद में उन्होंने एक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में अंबिका पॉल फाउंडेशन की स्थापना की, जिसने शिक्षा एवं स्वास्थ्य पहलों के माध्यम से दुनिया भर में बच्चों एवं युवाओं के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए लाखों रुपये दान किए। लंदन स्थित अंबिका पॉल चिल्ड्रन्स जू इस फाउंडेशन के प्रमुख लाभार्थियों में से एक है.
फरवरी 2023 में लंदन के ऐतिहासिक इंडियन जिमखाना क्लब में लेडी अरुणा स्वराज पॉल हॉल का उद्घाटन करते हुए लॉर्ड पॉल ने कहा था ‘‘यह हॉल मेरी पत्नी के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिनकी मुझे बहुत याद आती है। हमारे 65 साल के वैवाहिक जीवन में हमारे बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ.’
लॉर्ड पॉल ने 1968 में लंदन में मुख्यालय के साथ कपारो की नींव रखी और यह कंपनी आगे चलकर ब्रिटेन की सबसे बड़ी इस्पात रूपांतरण और वितरण कंपनियों में से एक बन गई। आज इसका संचालन ब्रिटेन, भारत, अमेरिका, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात में है। इसका कारोबार एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है.