BRICS countries should take the lead in advancing global governance reform process: Chinese Prime Minister
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को बेहतर विश्व के निर्माण के लिए वैश्विक शासन सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने में अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए.
रविवार को 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के ‘‘शांति और सुरक्षा तथा वैश्विक शासन में सुधार’’ विषयक पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए ली ने ब्रिक्स समूह से विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा करने तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने का आह्वान किया.
ली ने इस वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व किया, क्योंकि राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस बार शामिल नहीं हुए। यह शी के 12 वर्षों से अधिक लंबे राष्ट्रपति कार्यकाल में पहली बार है जब उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ली ने कहा कि वर्तमान में ऐसे बदलाव तेज गति से हो रहे हैं जो एक सदी में नहीं देखे गए तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों व व्यवस्था को गंभीर चुनौती मिल रही है और बहुपक्षीय संस्थाओं का अधिकार व प्रभाव लगातार कम होता जा रहा है.
ली ने वैश्विक शासन को लेकर राष्ट्रपति शी की दूरदृष्टि पर जोर डाला, जिसमें व्यापक परामर्श, संयुक्त योगदान और साझा लाभ की अवधारणा को प्रमुखता दी गयी है. शिन्हुआ ने ली के हवाले से कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों को वैश्विक शासन में सुधार को आगे बढ़ाने में अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए.’’ ली ने कहा कि बढ़ते संघर्षों और मतभेदों के मद्देनजर समानता व आपसी सम्मान के आधार पर व्यापक परामर्श को बढ़ाना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ की अग्रणी शक्ति के रूप में ब्रिक्स देशों को स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता बनाए रखनी चाहिए, जिम्मेदारी की भावना दिखानी चाहिए और आम सहमति व समन्वय के निर्माण में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए. चीन के प्रधानमंत्री ने समूह के सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे नैतिकता और न्याय को मजबूती से थामे रहें. ली ने कहा कि ब्रिक्स देशों को विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए और आर्थिक वृद्धि के प्रेरकों को मजबूत करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स को विकास सहयोग को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाना चाहिए और उभरते क्षेत्रों की संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चीन इस वर्ष नयी गुणवत्ता उत्पादन शक्ति पर एक चीन-ब्रिक्स अनुसंधान केंद्र स्थापित करेगा. इसके साथ ही, उन्होंने ब्रिक्स देशों के लिए एक छात्रवृत्ति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य उद्योग और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में प्रतिभा का विकास करना है. ली ने कहा कि चीन अन्य ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर वैश्विक शासन को और अधिक न्यायसंगत, समान, कुशल और सुव्यवस्थित दिशा में ले जाने के लिए तैयार है, ताकि सामूहिक रूप से एक बेहतर विश्व का निर्माण किया जा सके.