अमेरिका में स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते पर भी बातचीत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-07-2025
Application process for student visa started in America, US-India trade agreement also under discussion
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वॉशिंगटन डीसी

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मिगन ह्यूस्टन ने बुधवार को पुष्टि की कि अमेरिका में पढ़ाई के लिए विदेशी छात्रों के वीजा आवेदन अब खुले हैं। उन्होंने भारतीय छात्रों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए यह स्पष्ट किया कि वीजा से जुड़े सभी निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं।

ह्यूस्टन ने एएनआई से बातचीत में कहा:
"हमारे स्टूडेंट वीजा आवेदन खुल चुके हैं। छात्र आवेदन कर सकते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि छात्र यह समझें कि जब वे अमेरिका आते हैं तो उनका उद्देश्य पढ़ाई होना चाहिए। हम नहीं चाहते कि कोई क्लास में बाधा डाले या कैंपस में तोड़फोड़ करे।"

उन्होंने आगे कहा, "हर वीजा निर्णय हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से जुड़ा होता है। हम अपने इमिग्रेशन कानूनों के तहत उच्चतम मानकों को बनाए रखने की कोशिश करते हैं – न केवल अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए, बल्कि यहां पढ़ रहे अन्य छात्रों की सुरक्षा के लिए भी।"


भारत को बताया इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ‘अनिवार्य साझेदार’

मिगन ह्यूस्टन ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का एक अहम सहयोगी बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच एक ‘न्यायसंगत और परस्पर संतुलित व्यापार समझौते’ की दिशा में बातचीत जारी है। यह ट्रंप प्रशासन की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत किया जा रहा है।

उन्होंने कहा:"हम निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार चाहते हैं। भारत क्वाड और इंडो-पैसिफिक में हमारा आवश्यक साझेदार है। हम चाहते हैं कि हमारे सभी साझेदार समझें कि 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडा के तहत निष्पक्षता और संतुलन ही व्यापार का आधार होना चाहिए।"


अमेरिका ने टैरिफ को बताया 'न्याय का उपकरण'

ह्यूस्टन ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ का बचाव करते हुए कहा कि अनुचित व्यापार नीतियों ने अमेरिकी किसानों और उद्योगों को नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने कहा:"अमेरिका की अर्थव्यवस्था खुली है, लेकिन कुछ देशों की अनुचित व्यापार नीतियों ने हमारे किसानों और इंडस्ट्रीज़ को नुकसान पहुंचाया। टैरिफ इसलिए लगाए गए ताकि बाकी देश भी हमें व्यापार में निष्पक्षता के स्तर पर मिल सकें।"


भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता अंतिम चरण में, 9 जुलाई है अहम तारीख

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement - BTA) को लेकर बातचीत अपने निर्णायक मोड़ पर है। 9 जुलाई की समयसीमा निकट आ रही है, जो पारस्परिक टैरिफ में वृद्धि पर लगी 90 दिनों की रोक का अंतिम दिन है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा:"मुझे लगता है कि भारत के साथ हमारा एक अच्छा व्यापार समझौता होने जा रहा है। यह एक अलग तरह का सौदा होगा, जिसमें हम प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। अभी तक भारत किसी को भी अपने बाज़ार में घुसने नहीं देता। मुझे लगता है कि अब वे ऐसा करेंगे और अगर ऐसा हुआ तो टैरिफ काफी कम हो जाएंगे।"

इस बीच, भारत ने कृषि मुद्दों पर सख्त रुख अपनाया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल की अगुवाई वाला दल अभी भी वॉशिंगटन में डटा हुआ है और बातचीत की समयसीमा बढ़ा दी गई है।

यदि 9 जुलाई तक कोई समझौता नहीं हुआ तो 26 प्रतिशत टैरिफ की पुरानी संरचना फिर से लागू हो जाएगी, जिसे 90 दिनों के लिए अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी:"अगर व्यापार वार्ता विफल होती है, तो टैरिफ की पुरानी संरचना तुरंत बहाल हो जाएगी।"यह टैरिफ संरचना ट्रंप प्रशासन द्वारा पहली बार 2 अप्रैल को लागू की गई थी।