थाईलैंड में नया मंत्रिमंडल शपथबद्ध, कौन बनीं संस्कृति मंत्री?

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 03-07-2025
New cabinet sworn in in Thailand, who became the culture minister?
New cabinet sworn in in Thailand, who became the culture minister?

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

थाईलैंड की राजनीति में हाल ही में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. प्रधानमंत्री पद से पायतोंगटार्न शिनावात्रा के निलंबन के बाद वहां नया मंत्रिमंडल गठित हुआ है, जिसने गुरुवार को आधिकारिक रूप से शपथ ले ली. खास बात यह रही कि निलंबित प्रधानमंत्री पायतोंगटार्न शिनावात्रा को इस नये कैबिनेट में संस्कृति मंत्री के रूप में शामिल किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सत्ता का समीकरण भले बदला हो, लेकिन शिनावात्रा परिवार की राजनीतिक पकड़ अभी भी बरकरार है.
 
क्या है पूरा मामला?

पायतोंगटार्न शिनावात्रा एक लीक हुई फोन कॉल के चलते विवादों में आ गई थीं. यह कॉल कंबोडिया के वरिष्ठ नेता हुन सेन के साथ हुई बातचीत का हिस्सा थी, जिसमें शिनावात्रा ने सीमा विवाद को लेकर तनाव कम करने की कोशिश की थी. लेकिन इस कॉल में कुछ ऐसे शब्द इस्तेमाल हुए जिन्हें लेकर आलोचकों ने आरोप लगाया कि उन्होंने थाईलैंड की छवि को नुक़सान पहुंचाया है और देश की प्रतिष्ठा को गिरवी रख दिया.
 
इस कॉल के सार्वजनिक होते ही थाईलैंड में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मच गई. मई में कंबोडिया के साथ सीमा पर हुई झड़प में एक सैनिक की मौत के बाद यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया. विरोध बढ़ा तो मामला थाईलैंड की संवैधानिक अदालत पहुंचा, जहां न्यायालय ने 7-2 के बहुमत से शिनावात्रा को तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से निलंबित कर दिया.
 
नया नेतृत्व, नया समीकरण

नया मंत्रिमंडल शपथग्रहण के लिए गवर्नमेंट हाउस पहुंचा, जहां राजा महा वजीरालोंगकोर्न की मंजूरी से सभी नए मंत्रियों ने शपथ ली. इस शपथग्रहण समारोह का नेतृत्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट ने किया। अब संभावना जताई जा रही है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पद आगे चलकर फुमथम वेचायाचाई को सौंपा जा सकता है, जिन्होंने इस नए कैबिनेट में उप-प्रधानमंत्री और आंतरिक मंत्री के रूप में शपथ ली है.
 
संस्कृति मंत्री बनीं शिनावात्रा

शिनावात्रा को संस्कृति मंत्री के तौर पर शामिल करने का फैसला कई मायनों में महत्वपूर्ण है. शपथग्रहण के दौरान जब वह मीडिया के सामने आईं तो वह मुस्कराती हुई नज़र आईं. यह संकेत हो सकता है कि वे अपने निलंबन के बावजूद सत्ता के केंद्र में बनी रहना चाहती हैं और राजनीतिक वापसी की योजना पर काम कर रही हैं.
 
थाईलैंड की राजनीति में शिनावात्रा परिवार दशकों से प्रभावी रहा है. चाहे वह थाक्सिन शिनावात्रा हों या यिंगलक शिनावात्रा—इस परिवार की छवि जनाधार वाली लेकिन विवादों से घिरी रही है. पायतोंगटार्न शिनावात्रा की यह ताज़ा राजनीतिक चुनौती यह तय करेगी कि वह अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा पाती हैं या नहीं.
 
विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता अब भी यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या एक संवैधानिक उल्लंघन में फंसी हुई नेता को कैबिनेट में दोबारा स्थान देना राजनीतिक नैतिकता के अनुरूप है या नहीं. आने वाले हफ्तों में इस मुद्दे पर थाईलैंड में राजनीतिक और कानूनी बहस और तेज़ होने की संभावना है.