अबू धाबीः मंत्री डॉ थानी बिन अहमद ने हिंदू मंदिर का पहला स्तंभ रखा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 16-09-2022
अबू धाबीः मंत्री डॉ थानी बिन अहमद ने हिंदू मंदिर का पहला स्तंभ रखा
अबू धाबीः मंत्री डॉ थानी बिन अहमद ने हिंदू मंदिर का पहला स्तंभ रखा

 

अबू धाबी. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के मंत्रियों और भारतीय अधिकारियों ने अबू धाबी में निर्माणाधीन मंदिर के पहले संगमरमर के स्तंभ की स्थापना समारोह में भाग लिया. अबू धाबी में भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर उस समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जहां संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत संजय सुधीर भी मौजूद थे.

संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ थानी बिन अहमद अल जायौदी, अबू धाबी में सामुदायिक विकास विभाग के अध्यक्ष डॉ मुगीर खमिस अल खली और आंतरिक मंत्रालय में शिक्षा और प्रशिक्षण विकास के महानिदेशक डॉ तैयब ए कमाली और अन्य ने भाग लिया.

संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व और भारत सरकार को उनके निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देने के लिए 1,000 से अधिक समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया. मंगलवार, 8 सितंबर को मंदिर के पहले संगमरमर के स्तंभ के लिए विशेष महापूजा की गई थी. एक वरिष्ठ पुजारी और बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संयोजक ईश्वरचरण स्वामी ने पूजा (प्रार्थना) करने के लिए भारत से उड़ान भरी.

ईश्वरचरण स्वामी ने साझा किया कि मंदिर आगंतुकों की पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और इसकी कालातीत नक्काशी और इस तथ्य के कारण कि यह अबू धाबी में स्थित है, मंदिर हमेशा के लिए एक तरह का होगा. बोचासन निवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) की ओर से अबू धाबी में दिरहम 45 करोड़ (करीब 888 करोड़ रुपये) की लागत से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर अबू धाबी के अबू मुरैखाह में 27 एकड़ क्षेत्र में बनाया जा रहा है. इसकी घोषणा यूएई सरकार ने 2015 में की थी जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर गए थे.

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर बनाने के लिए 20,000 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की थी. मंदिर की आधारशिला पीएम मोदी ने 2018 में दुबई के अपने दौरे के दौरान वहां के ओपेरा हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी थी. निर्माण में सैकड़ों कुशल कारीगरों सहित 3,000 से अधिक लोग शामिल हैं.

अबू धाबी में बनने वाले मंदिर का डिजाइन पहले नई दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के मॉडल पर तैयार किया गया था. मंदिर के सामने हिंदू पौराणिक कथाओं और कहानियों के दृश्यों को दर्शाते हुए पत्थर की नक्काशी से सजाया गया है. मंदिर को पारंपरिक डिजाइन में भारत से बने नक्काशीदार खंभों का उपयोग करके बनाया गया है. फिलहाल मुख्य भवन की नींव का काम पूरा हो चुका है. मंदिर में सात मीनारें और पांच गुंबद होंगे. परिसर में एक बैठक केंद्र, प्रार्थना कक्ष, पुस्तकालय, कक्षा, सामुदायिक केंद्र, हॉल, एम्फीथिएटर, खेल क्षेत्र, उद्यान, किताबें, उपहार की दुकानें, फूड कोर्ट और अन्य सुविधाएं होंगी. यह फरवरी 2024 में खुलने वाला है.