दही हांडी महोत्सव: महाराष्ट्र सरकार 1.5 लाख 'गोविंदाओं' को देगी बीमा सुरक्षा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-07-2025
Dahi Handi Festival: Maharashtra government will give insurance cover to 1.5 lakh 'Govindas', compensation of Rs 10 lakh on death
Dahi Handi Festival: Maharashtra government will give insurance cover to 1.5 lakh 'Govindas', compensation of Rs 10 lakh on death

 

मुंबई

महाराष्ट्र सरकार ने दही हांडी महोत्सव में भाग लेने वाले 1.5 लाख गोविंदाओं के लिए बीमा योजना की घोषणा की है, जिसमें हादसे में मौत होने पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक का मुआवज़ा दिया जाएगा। यह फैसला जनमाष्टमी से एक महीने पहले लिया गया है, जब राज्यभर में बड़े स्तर पर यह पारंपरिक त्योहार मनाया जाता है।

दही हांडी त्योहार के दौरान युवा गोविंदा समूह ऊंची-ऊंची मानव पिरामिड बनाकर दही, मक्खन और दूध से भरी मटकी फोड़ते हैं, जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की प्रतीक होती है। इस दौरान कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह बीमा योजना लाई है।

सरकार द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव (GR) के अनुसार, इस साल 16 अगस्त को मनाए जाने वाले इस महोत्सव में जो पंजीकृत गोविंदा मानव पिरामिड बनाएंगे, उनका बीमा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। बीमा योजना में शामिल होने के लिए गोविंदाओं के प्रशिक्षण, उम्र और सहभागिता की पुष्टि महाराष्ट्र राज्य गोविंदा संघ, मुंबई द्वारा की जाएगी और इसकी जानकारी पुणे के खेल एवं युवा सेवा आयुक्त को दी जाएगी।

GR में कुल छह प्रकार की दुर्घटनाओं के लिए मुआवज़े की राशि तय की गई है। किसी गोविंदा की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को 10 लाख रुपये मिलेंगे। यदि किसी को पूर्ण विकलांगता (जैसे दोनों आंखों या दोनों हाथों-पैरों का नुकसान) होती है, तो भी 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।

एक आंख, एक हाथ या एक पैर खोने की स्थिति में पांच लाख रुपये का मुआवज़ा मिलेगा। आंशिक या स्थायी विकलांगता की स्थिति में बीमा कंपनी की तयशुदा मानकों के अनुसार प्रतिशत आधारित मुआवज़ा मिलेगा।

इसके अलावा, यदि प्रदर्शन के दौरान चोट लगती है तो एक लाख रुपये तक के इलाज का खर्च भी इस बीमा योजना के तहत कवर किया जाएगा।सरकार का यह कदम पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने और गोविंदाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।