गाज़ा पर इज़रायली हमले में मृतकों की संख्या 59,500 पार, हालात भयावह

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-07-2025
The death toll in the Israeli attack on Gaza crossed 59,500, the situation is horrific
The death toll in the Israeli attack on Gaza crossed 59,500, the situation is horrific

 

गाजा पट्टी

घेरेबंदी झेल रहे फिलिस्तीनी क्षेत्र गाज़ा पट्टी पर इज़रायली सेना के अनवरत और भीषण हमलों में अब तक 59,500 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। सिर्फ बीते 24 घंटों में कम से कम 89 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 450 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।

अनादोलु समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी कि गाज़ा में लगातार जारी इजरायली हमलों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 59,586 हो गई है। मंत्रालय ने इस आक्रमण को एक "नरसंहारात्मक हमला" करार दिया है।

मलबे में दबे लोग, रुकावट बन रहा बचाव कार्य

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कई शव अब भी मलबे में दबे हुए हैं या सड़कों पर पड़े हैं, जहां तक बचावकर्मियों की पहुंच संभव नहीं हो पाई है।

इसी दौरान, 279 नई पहचानें जुड़ने से आधिकारिक मृतकों की सूची में भी तेज़ी से इज़ाफा हुआ है। राहत सामग्री लेने पहुंचे आम लोगों पर इज़रायली हमलों में भी 23 और नागरिकों की जान चली गई और 68 से अधिक घायल हुए हैं।

मानवीय सहायता के प्रयासों पर भी हमला

मंत्रालय का कहना है कि 27 मई से अब तक राहत सामग्री जुटाने की कोशिश के दौरान ही 1,083 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 7,275 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं।

इस बीच, 18 मार्च 2025 से इज़रायल ने बड़े पैमाने पर सैन्य आक्रमण दोबारा शुरू कर दिया, जिससे पहले जनवरी में हुआ युद्धविराम और कैदियों की अदला-बदली समझौता खंडित हो गया। तब से अब तक 8,447 लोगों की मौत हो चुकी है और 31,457 घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी कानूनी कार्रवाई

पिछले साल नवंबर में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने गाज़ा में युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

साथ ही, इज़रायल के खिलाफ नरसंहार के आरोपों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भी मामला चल रहा है।गाज़ा में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। जहां एक ओर मौत का आंकड़ा हर दिन तेज़ी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मानवीय राहत प्रयासों को भी निशाना बनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह एक मानवीय संकट है, जिससे निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप की ज़रूरत है।