वॉशिंगटन
जनवरी 6, 2021 को अमेरिकी कैपिटल पर हुए हमले से जुड़े चर्चित मामलों की पैरवी करने वाले अभियोजक माइकल गॉर्डन ने गुरुवार को अमेरिकी सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। गॉर्डन का दावा है कि उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए ही सजा दी गई और उनकी बर्खास्तगी राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित थी।
गॉर्डन के साथ-साथ दो अन्य पूर्व न्याय विभाग अधिकारी — पैट्रिसिया हार्टमैन और जोसेफ टिररेल — भी इस मुकदमे में वादी हैं। तीनों ने न्याय विभाग, अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी और राष्ट्रपति कार्यकारी कार्यालय के खिलाफ कार्रवाई की है।
डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक दर्जनों न्याय विभाग के अधिकारियों को या तो बर्खास्त कर दिया गया है, demote किया गया है, या उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। गॉर्डन, हार्टमैन और टिररेल ऐसे पहले अधिकारी हैं जिन्होंने कानूनी रास्ता अपनाया है।
गॉर्डन ने बताया कि उन्हें बर्खास्त किए जाने से दो दिन पहले ही बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उच्चतम रेटिंग मिली थी। उनकी बर्खास्तगी का आदेश एक पन्ने का था, जिस पर अटॉर्नी जनरल बॉन्डी के हस्ताक्षर थे, लेकिन इसमें बर्खास्तगी का कोई कारण नहीं बताया गया।
गॉर्डन, जिन्होंने 2017 में न्याय विभाग जॉइन किया था, ने कहा,"हमने जो किया, वो सही के लिए किया और बिना किसी भय या पक्षपात के किया। मुझे कानून तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि कानून लागू करने के लिए निकाला गया है।"
गॉर्डन की टीम ने कैपिटल दंगे से जुड़े करीब 1,600 आरोपियों में से 36 से अधिक के खिलाफ मुकदमे चलाए। इनमें शामिल हैं:
रिचर्ड “बिगो” बार्नेट, जिन्होंने हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी के ऑफिस में पांव फैलाकर फोटो खिंचवाई,
एरिक मुनचेल, जिन्होंने ज़िप-टाई हैंडकफ और स्टन गन के साथ सीनेट गैलरी में प्रवेश किया,
और रेबेका लावरेंज, जिन्होंने खुद को “J6 प्रेइंग ग्रैंडमा” कहा।
उन्होंने रे एप्स के केस की भी पैरवी की, जिन्हें दक्षिणपंथी मीडिया द्वारा गुमराह करने के लिए फर्जी सरकारी एजेंट बताया गया था।
पूर्व सहयोगियों के अनुसार, गॉर्डन एक मेहनती और कुशल अभियोजक थे और उन्हें सिर्फ राजनीतिक कारणों से हटाया गया।
पूर्व डिप्टी चीफ माइकल रोमानो ने कहा,"माइक गॉर्डन जैसे अधिकारी को खोना समझ से बाहर है।"
पूर्व अभियोजक जेसन मैनिंग ने कहा,"वह अपने अनुभव और स्किल के कारण दूसरों के लिए उदाहरण बन गए थे।"
फ्लोरिडा की डेमोक्रेट सांसद कैथी कास्टर ने अटॉर्नी जनरल से गॉर्डन की तत्काल बहाली की मांग की है। कास्टर ने कहा कि गॉर्डन उस वक्त एक हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी केस की जांच कर रहे थे, जिसमें आरोपी पर 100 मिलियन डॉलर की चिकित्सा ट्रस्ट फंड से हेराफेरी का आरोप है।
गॉर्डन ने कहा कि अगर उन्हें वापस बुलाया जाता है, तो वे लौटने को तैयार हैं।
"जब सच्चे अभियोजकों को उनके काम के लिए सज़ा दी जाती है, तो पूरा न्याय तंत्र कमजोर होता है। मैं अपने बच्चों के लिए ऐसा देश नहीं चाहता जहां कानून का मतलब राष्ट्रपति की मर्जी हो, न कि संविधान और न्याय का।"
गॉर्डन को उनके ऑफिस में एक गवाही की तैयारी के दौरान अचानक एक प्रशासक ने बर्खास्तगी पत्र थमाया।
उन्होंने कहा,"आप किसी $100 मिलियन के केस के बीच में अपने टॉप अभियोजक को नहीं निकालते — जब तक आपकी प्राथमिकता न्याय न होकर राजनीति न हो।"
गॉर्डन को अंदेशा था कि ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद वह खतरे में हैं, क्योंकि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालते ही कई कैपिटल दंगा मामलों में माफी और मामलों को खारिज करने के आदेश दे दिए थे। उन्होंने एड मार्टिन जूनियर को डीसी का अंतरिम यूएस अटॉर्नी नियुक्त किया, जो 6 जनवरी के आरोपियों के समर्थक माने जाते हैं। मार्टिन ने तुरंत कई वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटा दिया।
गॉर्डन पहले दौर की छंटनी से बच गए थे, लेकिन 27 जून को उन्हें और दो अन्य सहयोगियों को अचानक हटाया गया। उनकी बर्खास्तगी में केवल "संविधान के अनुच्छेद II और अमेरिकी कानून" का हवाला दिया गया।
"मेरा मामला छोटा लग सकता है, लेकिन इसके मायने बहुत बड़े हैं," गॉर्डन ने कहा।"मैंने पूरी जिंदगी सरकार की ओर से न्याय के लिए लड़ाई लड़ी, और अब मुझे उसी सरकार के खिलाफ लड़ना पड़ रहा है।"