शिया मौलाना की हिजाबी बेटी़ उड़ाएगी कमर्शियल प्लेन, मिला लाइसेंस,कल्पना चावला से है प्रभावित

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
शिया मौलाना की हिजाबी बेटी़ उड़ाएगी कमर्शियल प्लेन, मिला लाइसेंस,कल्पना चावला से है प्रभावित
शिया मौलाना की हिजाबी बेटी़ उड़ाएगी कमर्शियल प्लेन, मिला लाइसेंस,कल्पना चावला से है प्रभावित

 

आवाज द वाॅयस /मुंबई
 
देश के एक मौलाना की हिजाब पहनने वाली बेटी भी कमर्शियल प्लेन उड़ाएगी. उसे इसके लिए लाइसेंस मिला है. 26 वर्षीय यह मुस्लिम लड़की कल्पना चावला की कहानी से बहुत प्रेरित है. वह लाइसेंस पाने वाली महाराष्ट्र की पहली शिया लड़की बन गई है.

मौलाना शेर मोहम्मद जाफरी और अलीमा फराह जाफरी की बेटी मोहद्देसा जाफरी हाल में दक्षिण अफ्रीका से लौटी हैं, जहां उन्हांेने प्लेन उड़ाने का खास प्रशिक्षण लिया है. वह कमर्शियल पायलेट का लाइसेंस लेकर लौटी हैं.
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मोहद्देसा हैं कल्पना चावला की प्रशंसक 

फरवरी 2003 में जब अंतरिक्ष शटल कोलंबिया आपदा में भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की मृत्यु हुई थी तब मोहद्देसा जाफरी सात साल की थीं. चावला के निधन के बाद देश में कई जगहों पर जब उन्हांेने पोस्टर और बैनर लगे देखे तो एक दिन उन्होंने अपने पिता से इस बारे में पूछा.
 
उनके पिता ने कल्पना चावला की कहानी सुनाई और बताया कि वह कितनी बहादुर थीं. अंतरिक्ष यात्री की कहानी सुनने के बाद, उस दिन से वह चावला की प्रशंसक बन गईं.
 
चावला पर कई लेख पढ़ने और उसके वीडियो देखने के बाद, जाफरी ने अपने माता-पिता को बताया कि वह विमानन उद्योग से जुड़ना चाहती है.
 
अंत में, 2020 में, वह दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में एक फ्लाइंग स्कूल में शामिल हो गई. हालांकि, उसके रिश्तेदार उसे पायलट प्रशिक्षण के लिए भेजने के उसके माता-पिता के फैसले से खुश नहीं थे.
 
परिजनों ने बताया कि पिता के मौलाना और मां के साधारण घरैलू महिला होने के बावजूद बेटी को पायलट की ट्रेनिंग पर भेजने की खूब आलोचना हुई.
 
मगर निर्णय के खिलाफ टिप्पणियों को नजरअंदाज करते हुए, उन्होंने अपनी बेटी को पायलट प्रशिक्षण जारी रखने की अनुमति दे दी. उन्हें यकीन था कि यह अधार्मिक नहीं है.
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कौन थी कल्पना चावला ?

कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं. वह एक मैकेनिकल इंजीनियर थीं. तीन बार अंतरिक्ष में जा चुकी थीं.पहले दो मिशन सफल रहे. उनकी तीसरी उड़ान जो 2003 में कोलंबिया के स्पेस शटल पर थी, सफल नहीं रही.
 
अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने के दौरान बिखर गया.चावला के अलावा चालक दल के छह अन्य सदस्यों की आपदा में मौत हो गई.