शेख हसीना की निर्वासित बेटी साइमा वाजेद: WHO में नई पहचान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-08-2024
Saima Wazed, daughter of exiled Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina, has a different identity
Saima Wazed, daughter of exiled Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina, has a different identity

 

आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा है.वह फिलहाल भारत में शरण ली हुई हैं. शेख हसीना की बेटी भी इस समय भारत में हैं.उनकी मां हसीना के साथ उनकी बेटी साइमा वाजेद कीभी एक अलग पहचान हैं.

1 फरवरी, 2024 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की 52 वर्षीय बेटी साइमा वाजेद को दिल्ली में डब्ल्यूएचओ मुख्यालय में दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में नियुक्त किया.साइमा इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाली पहली बांग्लादेशी और दूसरी महिला हैं.

শ্বেখ হাছিনাৰ কন্যা ছাইমা ৱাজেদ

साइमा की यात्रा 1नवंबर, 2023को शुरू हुई जब उन्हें नई दिल्ली में क्षेत्रीय समिति सत्र के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों द्वारा नामित किया गया था.उनकी नियुक्ति की पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड ने 23जनवरी, 2024को जिनेवा, स्विट्जरलैंड में की थी.

अपने नए कार्यभार में, साइमा दिल्ली से दक्षिण पूर्व एशिया के 2 अरब से अधिक आबादी वाले 11 देशों में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रयासों की देखरेख करती हैं.जब साइमा दिल्ली में WHO की इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभा रही थीं, तो उनकी मां शेख हसीना को बांग्लादेश से नाटकीय ढंग से भागकर भारत आना पड़ा.रिपोर्ट्स के मुताबिक, इतनी नजदीकियों के बावजूद मां-बेटी ने अब तक एक-दूसरे को नहीं देखा है.

शेख हसीना,बेटी साइमा वाजेद के साथ

पेशे से मनोवैज्ञानिक, साइमा ने न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.2012 से, उन्होंने बांग्लादेश के न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति की अध्यक्षता की है.उनके पिछले अनुभव में मानसिक स्वास्थ्य और ऑटिज़्म पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक के सलाहकार के रूप में कार्य करना शामिल है.

साइमा की निजी जिंदगी भी उतनी ही दिलचस्प है.उनके पति, खंडकेर मसूर हुसैन मीतू, बांग्लादेश के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार के बेटे हैं.बेशक, उनके बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम जानकारी है.साइमा के दिवंगत पिता एमए वाजेद एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी और बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष थे.

उन्होंने भौतिकी पर कई किताबें लिखीं और नई दिल्ली में भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग में काम किया.वाज़ेद का 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया और उन्हें बांग्लादेश के रंगपुर के पीरगंज में उनके पैतृक गांव में दफनाया गया.

साइमा वाजेद को दक्षिण पूर्व एशिया के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया

उनके भाई साजिब अहमद वाजेद बांग्लादेश में एक विवादास्पद व्यक्ति हैं.संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले साजिब एक व्यवसायी और बांग्लादेश अवामी लीग के सदस्य हैं.प्रधानमंत्री के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सलाहकार के रूप में काम कर चुके साजिब अहमद को डिजिटल बांग्लादेश पहल पर उनके काम के लिए जाना जाता है.

यह परियोजना महत्वाकांक्षी है,लेकिन काफी हद तक अधूरी है.साजिब पर अपने कार्यकाल के दौरान कई विवाद रहे हैं जिनमें 300 मिलियन डॉलर के लेनदेन से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं, हालांकि उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

ALSO WATCH: