नई दिल्ली जी20 ने ‘महिला विकास’ की जगह ‘महिला नेतृत्व वाले विकास’ पर किया फोकस

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-09-2023
G20 Empower Alliance
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अंदलीब अख्तर / नई दिल्ली

प्रतिभा और अनुभव का खजाना तब समाप्त हो जाता है, जब महिलाओं को पुरुषों के समान अध्ययन, काम करने, व्यवसाय करने और नेतृत्व के पदों पर पहुंचने के समान अवसरों से वंचित कर दिया जाता है. इसीलिए नई दिल्ली जी20 ने महिला सशक्तिकरण को अपनी घोषणा की प्रमुख विशेषता बनाया है.

20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह की अपनी अध्यक्षता के दौरान, भारत ने जी20 एम्पावर अलायंस का नेतृत्व संभाला, जो महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों से संबंधित सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित एक पहल थी और निर्णय लेने में उनके समावेश को प्राथमिकता मिली.

वास्तव में भारत की जी20 प्रेसीडेंसी ने पहली बार अपना ध्यान ‘महिला विकास’ से ‘महिला-नेतृत्व वाले विकास’ पर स्थानांतरित कर दिया है. लैंगिक समानता, महिला सशक्तीकरण और महिला नेतृत्व वाले विकास के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तौर पर, जी20 नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा-2023 में अध्यक्ष के वक्तव्य को शामिल किया गया है, जिसे पिछले महीने गांधीनगर में महिला सशक्तिकरण के लिए जी20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में अपनाया गया था.

जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा 2023 आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ाने, लैंगिक डिजिटल विभाजन को पाटने, लैंगिक समावेशी जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने और महिलाओं की खाद्य सुरक्षा, पोषण और कल्याण को सुरक्षित करने पर केंद्रित है.

 


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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जी20 के नेता जी20 महिला मंत्रिस्तरीय का समर्थन करने के लिए महिला सशक्तिकरण पर एक कार्य समूह के निर्माण पर सहमत हुए, जो ब्राजीलियाई जी20 प्रेसीडेंसी के दौरान अपनी पहली बैठक बुलाएगा.

जी20 नेताओं की यह प्रतिबद्धता वास्तव में लैंगिक समानता और लैंगिक समानता के लिए प्रधानमंत्री के निरंतर समर्थन का प्रतिबिंब है, जिसने जी20 देशों को इस मील के पत्थर तक पहुंचने में मदद की है. महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘लैंगिक समानता और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनानेश् के लिए भारत के सामूहिक और अटूट समर्पण ने अब जी20 नई दिल्ली लीडर्स घोषणा 2023 में एक मजबूत स्थान हासिल कर लिया है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमृतकाल के दृष्टिकोण से प्रेरित है, जहां अर्थव्यवस्था और समाज के सभी क्षेत्रों में नारी शक्ति का जश्न मनाया जाता है.’’

जी20 घोषणापत्र में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ाने, लैंगिक डिजिटल विभाजन को पाटने, लैंगिक समावेशी जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने, महिलाओं की खाद्य सुरक्षा, पोषण और कल्याण को सुरक्षित करने और महिलाओं के सशक्तिकरण पर एक कार्य समूह के निर्माण को रेखांकित किया गया.

 


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इस तरह के सुधारों में वित्तीय समावेशन को बढ़ाना, गुणवत्तापूर्ण और लाभकारी रोजगार के अवसरों का विस्तार करना, विशेष रूप से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना और महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना शामिल है.

डब्ल्यू20 सऊदी के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डॉ. मिजना अलोमेयर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘‘जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में लिंग समानता से संबंधित पैराग्राफ सऊदी 2030 विजन के अनुरूप है, जिसमें लिंग समावेशन और सशक्तिकरण के लिए विशिष्ट लक्ष्य हैं.’’

डॉ अलोमेयर के पास व्यापक शिक्षण अनुभव है और महिला नेतृत्व, युवा नेतृत्व और शांति नेतृत्व पर ध्यान देने के साथ नेतृत्व अध्ययन के क्षेत्र में प्रमुख विद्वान हैं. उनको हाल ही में डब्ल्यू20 वचनबद्धता समूह के लिए सऊदी प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख नियुक्त किया गया था.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जी20 के नेता जी20 महिला मंत्रिस्तरीय का समर्थन करने के लिए महिला सशक्तिकरण पर एक कार्य समूह के निर्माण पर सहमत हुए, जो ब्राजीलियाई जी20 प्रेसीडेंसी के दौरान अपनी पहली बैठक बुलाएगा. जी20 नेताओं की यह प्रतिबद्धता वास्तव में भारत के प्रधानमंत्री मोदी के लिंग समानता और लैंगिक समानता के लिए निरंतर समर्थन का प्रतिबिंब है, जिसने जी20 देशों को इस मील के पत्थर तक पहुंचने में मदद की है.

 


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‘लैंगिक समानता और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने’ के लिए भारत के सामूहिक और अटूट समर्पण ने अब जी20 नई दिल्ली लीडर्स घोषणा-2023 में एक मजबूत स्थान हासिल कर लिया है. यह भारत की अध्यक्षता में जी20 नेताओं, वक्ताओं और जी20 देशों व अतिथि देशों अर्जेंटीना,ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, बांग्लादेश, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, सिंगापुर, स्पेन, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी और समर्थन के बिना संभव नहीं हो पाता.