नई दिल्ली. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का झंडा एक बार फिर फहराया है. इस विश्वविद्यालय की स्नातक शगुफ्ता यास्मीन खान को पश्चिम बंगाल न्यायपालिका 2020 में सिविल जज के रूप में चुना गया है.
वह विधि संकाय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की छात्रा थीं. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक भी किया. उन्होंने 2014 और 2016 में क्रमशः फैकल्टी ऑफ लॉ, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एलएलबी और एलएलएम किया था. उनकी सफलता से मुस्लिम विश्वविद्यालय में खुशी की लहर दौड़ गई है.
शगुफ्ता यासमीन खान आसनसोल, बंगाल की रहवासी हैं. वह प्रसिद्ध विद्वान अब्दुल सत्तार खान की बेटी हैं.
उन्हें अब न्यायिक सामाजिक सेवा के तहत चुना गया है. न्यायिक मजिस्ट्रेट शगुफ्ता यासमीन खान ने बर्नपुर, आसनसोल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की.
उन्होंने 2009 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण की और 2014 में बीए और एलएलबी पूरा किया. 2016 में, उन्होंने एमए पूरा किया. शगुफ्ता यासमीन ने शबा खातून में अध्यापन कार्य किया था. जामिया मकतब में कॉन्ट्रैक्ट प्रोफेसर के तहत कार्य किया.