मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली
हज 2024 में शदीद गर्मी से एक हजार से अधिक हज यात्रियों की मौत के बाद सवाल पूछा जाने लगा है कि आखिर वार्षिक हज सर्दियों में कब से होगा, ताकि कम से कम लोगों की मौत हो ?एक रिकाॅर्ड के अनुसार, 2024 के साला हज में भाग लेने के लिए 18 लाख से अधिक मुसलमानों ने सउदी अरब की यात्रा की.इस दौरान यहां का तापमान 51.8 डिग्री के उच्चतम स्तर पर रहा.
हालांकि, सऊदी अरब ने अभी तक मरने वालों की आधिकारिक संख्या का खुलासा नहीं किया है, पर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल वार्षिक हज के दौरान 10 देशों के 1,081 हज यात्रियों की मौत हुई.
भारत ने अधिकारिक तौर पर हज के दौरान देश के 68 हज यात्रियों की मौत की पुष्टि की है. हीट स्ट्रोक से हजारों की संख्या में लोग बीमार पड़़े. बताया गया कि भारत के अलावा पाकिस्तान, अल्जीरिया, मिस्र के हज यात्रियों की भी हज के दौरान मौत हुई.
एक अरब राजनयिक ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि अकेले मिस्र के 650 से अधिक हज यात्रियों की जान चली गई, जिनमें से 630 अपंजीकृत थे. एक अन्य राजनयिक ने बताया कि पाकिस्तान के 150,000 हज यात्रियों में से कम से कम 58 की मौत दर्ज की गई.
अधिकतर मौतें हज के आखिरी रस्म शैतान को कंकर मारने के दौरान दर्ज की गईं. इंडोनेशिया के 313 लोगों की मौत हीट स्ट्रोक से हुई बताई गई है.एक भारतीय हज यात्री खालिद बशीर बजाज का कहना है कि उन्होंने खुद कई लोगों को बेहोश होकर जमीन पर गिरते देखा है.
17 वर्षों तक सर्दियों में होगा साला हज
हालांकि, एक साल बाद वार्षिक हज की तस्वीर और हालात बदलने वाले हैं.सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले 17 वर्षों तक वार्षिक हज सर्दियों और वसंत के मौसम में आयोजित किए जाएंगे.
यदि आप उम्रदराज हैं और अगले साल हज के लिए मक्का की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आपको जलवायु परिवर्तन से संबंधित रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए एक साल के लिए यह सफर आगे बढ़ा देना चाहिए.
सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (एनएमसी) के प्रवक्ता हुसैन अल-कहतानी के अनुसार, हज यात्रा 2025 के बाद धीरे-धीरे चिलचिलाती गर्मी से बाहर हो जाएगी और अगले 17 वर्षों तक यह मौसम वापस नहीं आएगा.
अल-कहतानी के अनुसार, हज का मौसम वर्ष 2026 के दौरान जलवायु परिवर्तन के एक नए चरण में होगा, जिसके नतीजे में अगले 17 सालों तक गर्मी के मौसम में सालाना हज का सीजन नहीं आएगा.
अल-कहतानी ने बताया कि यह सिलसिला 2026 से शुरू होकर अगले आठ वर्षों तक वसंत ऋतु में चलेगा. इसके बाद अगले आठ वर्षों तक सर्दियों के मौसम में वार्षिक हज का सीजन आएगा. उन्होंने कहा, 2025 के बाद हम 16 सालों के लिए गर्मी के मौसम में हज को अलविदा कह देंगे.
उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालीन हज के दौरान औसत तापमान 45 और 47 डिग्री सेल्सियस रहता है.उनके दावों की पुष्टि शौरा परिषद के सदस्य और जलवायु परिवर्तन के शोधकर्ता डॉ. मंसूर अल मजरूई ने भी की है. अल मजरूई ने बताया कि 2025 में अंतिम ग्रीष्मकालीन हज होगा.
उन्होंने बताया, इसके बाद हज का मौसम सर्दियों में आएगा. यह हिजरी वर्ष 1454 में शुरू होगा है और 8 वर्षों तक जारी रहेगा. यह सिलसिला हिजरी वर्ष 1461 में समाप्त होगा. उसके बाद पतझड़ के मौसम में वार्षिक हज आएगा. यह सिलसिला हिजरी वर्ष 1462 से 1469 के बीच चलेगा.
डॉ अल मजरूई ने बताया कि वार्षिक हज का सीजन सभी चार मौसमों में घूमते हुए 33 हिजरी वर्षों में अपना चक्र पूरा करेगा.इसके बाद वार्षिक हज यात्रा हिजरी वर्ष 1470 में फिर से ग्रीष्म ऋतु में प्रवेश कर जाएगा और अगले 9 वर्षों तक यह सिलसिला बना रहेगा.
उनके अनुसार, मौसम का यह चक्रीय बदलाव सुनिश्चित करता है कि हज यात्रियों को प्रत्येक दशक में भिन्न जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.
हज यात्रियों के लिए इसका अर्थ
मौसम का यह बदलाव कई हज यात्रियों के लिए अलग-अलग अनुभव लेकर आता है. गर्मियों के दौरान मक्का में तापमान बहुत अधिक होता है. अक्सर यह तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक बना रहता है, जबकि वसंत और सर्दियों में यहां की जलवायु हाजियों के लिए अनुकूल होता है.
इस लिए शौरा परिषद के सदस्य और जलवायु परिवर्तन के शोधकर्ता डॉ. मंसूर अल मजरूई की वैसे लोगों को सलाह है, जिनकी उम्र 60 के उपर है, बीमार रहते हैं, फिर भी अगले साल वार्षिक हज यात्रा में शामिल होना चाहते हैं, तो एक वर्ष के लिए यह इरादा तर्क कर सकते हैं.
उन्हें मौसम के बदलाव का इंतजार करना चाहिए. उसके बाद यात्रा की योजना बनानी चाहिए ताकि उनके लिए मौसम समस्या न बने. उन्हांेने कहा,चूंकि मौसम का यह चक्र हज के समय और शर्तों को प्रभावित करता रहता है, इसलिए हज यात्रियों को इन परिवर्तनों के बारे में पहले से सजग रहना चाहिए.
साथ ही मौसम का ध्यान रखते हुए वार्षिक हज की प्लानिंग करनी चाहिए. ऐसे लोगों को राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र और अन्य सऊदी अधिकारियांे से सलाह-मशविरा करने का सुझाव दिया गया है.
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