राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता छिनी, सजा के बाद दूसरा झटका

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 24-03-2023
राहुल गांधी
राहुल गांधी

 

मंजीत ठाकुर

 

कांग्रेस और राहुल गांधी को एक तगड़ा झटका लगा है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी है है.

 

असल में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने चार साल पुराने आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सज़ा सुनाई है.

 

इसक साथ ही अदालत ने 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. लेकिन फैसले के साथ ही अदालत ने राहुल गांधी को जमानत दी और सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया है. इसका मतलब है कि राहुल गांधी के पास इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए एक महीने का समय है.

 

इस फैसले के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है. शुक्रवार को यह फैसला आ भी गया.

 

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया है.

 

“हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर लड़ेंगे. हम न तो डरेंगे ना खामोश रहेंगे.”

 

गौरतलब है कि 2019 का ये मामला 'मोदी सरनेम' को लेकर राहुल गांधी की एक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है जिसमें उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी और अन्य का नाम लिया था.

 

राहुल गांधी की सदस्यता जाने की वजह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान और सुप्रीम कोर्ट के दिए पुराने फ़ैसले हैं.

 

आपको याद होगा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक आज़म खान को एक हेट स्पीच मामले में तीन साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

 

अनुच्छेद 102(1) और 191(1) के अनुसार अगर संसद या विधानसभा का कोई सदस्य, लाभ के किसी पद को लेता है, दिमाग़ी रूप से अस्वस्थ है, दिवालिया है या फिर वैध भारतीय नागरिक नहीं है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी.

 

अयोग्यता का दूसरा नियम संविधान की दसवीं अनुसूची में है. इसमें दल-बदल के आधार पर सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के प्रावधान हैं.

 

इसके अलावा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951के तहत किसी सांसद या विधायक की सदस्यता जा सकती है.

इस कानून के तहत आपराधिक मामलों में सज़ा पाने वाले सांसद या एमएलए की सदस्यता रद्द करने का प्रावधान है.