आवाज द वाॅयस/ गुरूग्राम/ फिरोजपुर झिरका
हरियाणा के नूंह और गुरूग्राम में हिंसा के बाद सद्भावना और शांति कायम करने के लिए दोनों समुदाय की ओर से वह तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, जो इसकी राह का रोड़ा बने हुए हैं. इस क्रम में हिंदू-मुस्लिम की एक पंचायत में माना गया कि मेवात इलाके की मुख्य सड़कों पर बिकने वाली बिरयानी कुछ लोग अच्छी नजरों से नहीं देखते. एक समुदाय विशेष को लगता है कि बिरयानी पकाने में ऐसे पशुओं के गोश्त का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका वध किया जाना प्रतिबंधित है.
गो सेवा आयोग के चेयरमैन रहे भानी राम मंगला, इस कारण ही कुछ साल पहले मेवात की सड़क किनारे बिकने वाली बिरयानी के खिलाफ न केवल अभियान चला चुके हैं, बल्कि उस दौरान कई लोग जेल भी भेज गए थे. बाद में इस माले में तूल पकड़ा तो गो सेवा आयोग को अपना यह अभियान वापस लेना पड़ा.
नूंह हिंसा के बाद एक समुदाय विशेष ने फिर बिरयानी को शांति और सांप्रदायिक सौहार्द का बड़ा रोड़ा माना है.ऐसे में पुलिस की मौजूदगी में दोनों समुदाय के प्रबुद्ध लोगों ने पंचायत कर ‘समस्या बनती बिरयानी’ सड़क किनारे नहीं बिकने देने का निर्णय लिया. हालांकि, समाज सेवी आसिफ अली इसे उचित नहीं मानते.
बहरहाल, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बसे गांव दोहा में डीएसपी सतीश वत्स ने सभी समुदायों के साथ अमन और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए बैठक की. हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने बैठक करके फैसला लिया है कि अब वे वहां बिरयानी नहीं बिकने देंगे. इसकी वे खुद निगरानी करेंगे.
बिरयानी बेचने पर दर्ज होगा मुकदमा
नूंह हिंसा के बाद खराब हुए सौहार्द के माहौल को वापस लाने के लिए ग्रामीणों की ओर से पहल जारी है. हरियाणा व राजस्थान की सीमा पर स्थित फिरोजपुर झिरका ब्लाक के दोहा गांव में ग्रामीणों ने पंचायत की. रुजदार के बंगले पर हुई पंचायत में सभी ने माना कि मेवात क्षेत्र के सांप्रदायिक सौहार्द के लिए गोहत्या, गोतस्करी व बिरयानी सबसे बड़ा खतरा है.
ग्रामीणों ने निर्णय लिया के वे अपने क्षेत्र में किसी भी सूरत में ना तो गोहत्या होने देंगे और ना ही बिरयानी बिकने देंगे. इसके लिए गांव के लोगों ने पांच प्रमुख लोगों की कमिटी बनाई है. गांववालों का कहना है कि अब इलाके में गोहत्या व गोतस्करी को लेकर विवाद नहीं होने दिया जाएगा. वैसे, शनिवार को इसी इलाके में गोतस्करों एवं पुलिस की मुठभेड़ हो चुकी है.
बता दें कि गुड़गांव-अलवर नेशनल हाइवे पर कई गावों में सड़क किनारे बेची जाने वाली बिरयानी को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है. इसकी प्रशासन से शिकायत भी की गई थी. साथ ही हाइवे पर बिरयानी नहीं बेचने देने का आग्रह किया गया था. पंचायत के बाद बनी कमिटी में कमरुद्दीन उर्फ रंगल, आजाद, हाजी इसहाक, हारुन पुत्र सफेद खां व नस्सू को शामिल किया गया है.
दोहा चैक से लिए जा चुके हैं सैंपल
हरियाणा-राजस्थान बाॅर्डर स्थित दोहा चैक पर बिकने वाली बिरयानी को लेकर शिकायत के बाद प्रशासन की ओर से सात सैंपल लिए गए थे. जिनकी रिपोर्ट सही नहीं आने पर उनके बिक्रेता के खिलाफ हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका थाने में केस दर्ज किए गए थे.
पंचायत के बाद ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से कहा कि गोतस्करी, गोहत्या होना एवं बिरयानी का बिकना मेवात क्षेत्र के सांप्रदायिक सौहार्द के लिए बड़ा खतरा हो सकता है. इन्होंने कहा वे अपने गांव में ना तो बिरयानी बनने देंगे और ना ही गोहत्या होने देंगे.
इन लोगों ने कहा कि वह फिरोजपुर झिरका से लेकर राजस्थान बॉर्डर तक किसी भी व्यक्ति को बिरयानी नहीं बेचने देंगे. बिरयानी बेचने से इनकार करने वाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी ताकि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके.
पंचायत में लिए गए फैसले
हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर स्थित गांव दोहा में डीएसपी सतीश वत्स ने सभी समुदायों के लोगों के साथ अमन एवं सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सैनी समाज की थड़ी (चैपाल) मीटिंग की. उन्होंने कहा अमन एवं भाईचारा से ही क्षेत्र का विकास एवं उन्नति संभव है.
इसीलिए सभी मिलजुल कर रहें और अफवाहों पर ध्यान ना दें. यदि कोई व्यक्ति किसी तरह की अफवाह फैलाए तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस की दी जाए ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके. उन्होंने लोगों से कहा कि किसी से भी डरने की जरूरत नहीं.
31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा के दौरान उपद्रव मचाने वालों को अरेस्ट किया जा रहा है. दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा गुरुग्राम-अलवर नेशनल हाईवे पर स्थित दोहा चैक पर किसी भी व्यक्ति को अब बिरयानी की दुकान नहीं लगाने दी जाएगी. यदि किसी ने बिरयानी की दुकान लगाई तो उसके खिलाफ गावं की कमिटी द्वारा पुलिस थाने में गोसंरक्षण संवर्धन एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया जाएगा.