वैराइटी की रिपोर्ट के अनुसार, AMPAS ने कुल 534 कलाकारों और फिल्म से जुड़े पेशेवरों को वोटिंग सदस्यता के लिए आमंत्रित किया है, जिनमें कमल हासन और आयुष्मान खुराना के साथ ऑस्कर विजेता कीरन कल्किन, मिकी मैडिसन, पॉप सिंगर एरियाना ग्रांडे, अभिनेता सेबेस्टियन स्टेन, जेरेमी स्ट्रॉन्ग और जेसन मोमोआ जैसे नाम शामिल हैं. इन सभी को फिल्म निर्माण की कला और विज्ञान में उनके असाधारण योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है.
कमल हासन, जिनका करियर पांच दशकों से अधिक का रहा है, भारतीय सिनेमा के सबसे अनुभवी और बहुआयामी कलाकारों में से एक हैं. हाल ही में वे मणिरत्नम की फिल्म 'ठग लाइफ' में नजर आए थे. दूसरी ओर, आयुष्मान खुराना ने 'विक्की डोनर', 'अंधाधुन', 'बाला' और 'आर्टिकल 15' जैसी फिल्मों के जरिए सामाजिक मुद्दों को मनोरंजन के साथ जोड़ते हुए एक अलग पहचान बनाई है.
अगर ये सभी आमंत्रित सदस्य सदस्यता स्वीकार कर लेते हैं, तो ऑस्कर अकादमी की कुल सदस्य संख्या 11,120 हो जाएगी, जिनमें से 10,143 सदस्य वोटिंग के पात्र होंगे. खास बात यह है कि इन नए सदस्यों में 60 से अधिक देशों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो अकादमी की बढ़ती वैश्विक दृष्टि को दर्शाता है.
अकादमी के सीईओ बिल क्रेमर और अध्यक्ष जेनेट यांग ने एक संयुक्त बयान में कहा, "हम कलाकारों, तकनीशियनों और पेशेवरों के इस विशिष्ट वर्ग का अकादमी में स्वागत करते हुए बेहद उत्साहित हैं. यह वर्ष का वर्ग आज के फिल्म समुदाय की विविधता और वैश्विक विस्तार को दर्शाता है, और इनका समावेश हमारे मिशन को और सशक्त बनाएगा."
इन सदस्यों को अकादमी की 19 शाखाओं में से किसी एक में शामिल किया जाएगा, या फिर एसोसिएट सदस्य के रूप में। हालांकि एसोसिएट सदस्य ऑस्कर में वोट नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें उद्योग में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है. वहीं शाखा सदस्य ऑस्कर नामांकन, पुरस्कार चयन और अकादमी के प्रशासनिक चुनावों में भाग ले सकते हैं.
इस सूची में भारतीय मूल की फिल्ममेकर स्मृति मुंद्रा, और महा हज, मैग्नस वॉन हॉर्न, होसैन मोलामी जैसे फिल्मकारों को भी विभिन्न शाखाओं में आमंत्रित किया गया है. इन सभी को सदस्यता स्वीकार करने पर अपनी प्राथमिक शाखा का चयन करना होगा.
भारतीय सिनेमा की बढ़ती वैश्विक पहचान को यह सम्मान और भी ऊंचाइयों तक ले जाएगा. कमल हासन और आयुष्मान खुराना जैसे कलाकारों की भागीदारी न केवल भारत की रचनात्मक क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भारतीय कहानियां अब विश्व मंच पर निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार हैं.