कोलकाता के मुसलमानों को ‌रहता है दीपावली का इंतजार

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 09-11-2023
Muslims of Kolkata wait for Diwali
Muslims of Kolkata wait for Diwali

 

जयनारायण प्रसाद/ कोलकाता

कोलकाता के मुसलमान दीया-बाती भले न बनाते हों, लेकिन दीपावली का इंतजार उन्हें भी बेस्री से रहता है. दुर्गा पूजा की खुमारी जैसे ही खत्म होती है,कोलकाता में गरीब तबके के मुसलमान फुटपाथ छेंकना शुरू कर देते हैं.‌ ऐसा दीपावली को ध्यान में रखकर किया जाता है.

अब जब दीपावली और काली पूजा को चंद रोज बाकी है, कोलकाता के ज्यादातर फुटपाथ रंग-बिरंगी आतिशबाजी और तरह-तरह की मोमबत्ती, पटाखे, छोटी- छोटी लाइटें, झालर और देवी-देवताओं के रंगीन कैलेंडर से भर गए हैं.इन्हें बेचने वाले गरीब हिंदू भी हैं और तंगहाली में गुजर-बसर कर रहे मुसलमान भी-

आमिर, सुल्तान, रजिया और नुसरत की किस्मत खुलती है दीपावली पर

दीपावली का त्यौहार आते ही कोलकाता के आमिर, सुल्तान, रजिया ‌और नुसरत की किस्मत जैसे खुल जाती है.आमिर कोलकाता में पार्क सर्कस का बाशिंदा है, तो सुल्तान जकरिया स्ट्रीट का.रजिया और नुसरत दोनों पड़ोसी है कोल्हू टोला इलाके की.

दीपावली आते ही ये सब हफ्ते डेढ़ हफ्ते पहले मध्य कोलकाता के इजरा स्ट्रीट और टी बोर्ड इलाके के फुटपाथों को घेर लेते हैं और रंग-बिरंगी आतिशबाजी के सामान बेचना शुरू कर देते हैं. 24 साल की रजिया कहती हैं – ‘’ वह पिछले कई सालों से यहां पटाखा बेच रही है.दीपावली का उसे बेसब्री से इंतजार रहता है.’’

सुल्तान कहता है – ‘’ देवी-देवताओं के कैलेंडर बेचकर उसे ठीक-ठाक रुपए मिल जाते हैं.लगता है मुझे पर ऊपर वाले का रहम है.’’आमिर तरह-तरह की मोमबत्तियां बेचता है.नुसरत दीया-बाती, लेकिन हफ्ते डेढ़ हफ्ते के भीतर इन सबकी किस्मत में जैसे चार चांद लग जाते हैं.

आमिर आगे कहता है – ‘’ इस इलाके के पुलिस वाले तंग जरूर करते हैं.‌वो ना आए, तो हमें दूसरा धंधा करने की नौबत नहीं ! दीए की रौशनी हमारे घर को रौशनी से भर देती है.नुसरत उसकी 'हां में हां' मिलाने से नहीं चूकती !

kolkata diwali

कोलकाता में लगता है आतिशबाजी का मेला

पश्चिम बंगाल सरकार की अनुमति से कोलकाता के शहीद मीनार मैदान, दक्षिण कोलकाता के बेहला अंचल और उत्तर कोलकाता के साल्टलेक इलाके में आतिशबाजी का मेला लगता है.यह मेला पिछले कई सालों से बंद था.

इस बार दीपावली और काली पूजा को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने यहां मेला लगाने की अनुमति दी है.इस आतिशबाजी मेले में छोटे और मझोले कद के व्यापारी अपना स्टाल लगाते हैं, जिसमें मुस्लिम कारोबारी भी हैं.

 इसके अलावा बंगाल के विभिन्न जिलों में भी आतिशबाजी मेला लगता है, जिसमें हिन्दू-मुस्लिम दोनों कारोबारी हिस्सा लेते हैं.ऐसे आतिशबाजी मेलों की तादाद 70के करीब है.इस बार उत्तर बंगाल में आतिशबाजी मेला लगा है, जहां बंगाली मुसलमान भी आतिशबाजी बेच रहे हैं. 

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फुटपाथ पर गरीब मुसलमान बेचते हैं दीपावली का सामान

ऐसे मुहल्ले जहां हिंदू भी तादाद में रहते हैं और मुसलमान भी.उन मुहल्लों के फुटपाथों को मुस्लिम लोग पहले चुनते हैं.तिरपाल बिछाकर दीपावली का सामान बेचना शुरू कर देते हैं.कोलकाता में खिदिरपुर, इजरा स्ट्रीट, मटियाब्रुर्ज, जकरिया स्ट्रीट, कोल्हू टोला, बड़ाबाजार और सियालदह इनकी मुख्य जगहें हैं.

महानगर कोलकाता से सटे हावड़ा और सलकिया जैसे इलाकों में भी हिंदू और मुसलमानों की तादाद अच्छी है, तो दीपावली आते ही यहां के फुटपाथ भी दीया-बाती और पटाखों से भर जाते हैं.

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उपनगरीय इलाके भी रौशनी से जगमगा उठती है

कोलकाता के उपनगरीय इलाकों जैसे टीटागढ़, रिसड़ा, कोन्नगर, हिंदमोटर, बेलूड़, बैद्यबाटी‌, बाली और लिलुआ जैसे इलाकों में भी दीपावली पर्व आते ही जमघट लगने लगता है.गरीब मुसलमान इसका फायदा उठाने के लिए जहां-तहां अपनी दुकानें सजाकर बैठ जाते हैं.इस बार भी बंगाल में तेज पटाखे छोड़ने पर पाबंदी है, तो मुस्लिम कारोबारी बहुत संभल कर पटाखे बेच ‌रहे हैं.

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ग्रीन कैकर्स बेचने को कहा गया है कारोबारियों को

कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में चल‌ रहे आतिशबाजी मेले में एक लघु व्यापारी असलम मियां बताते हैं, ’’इस बार भी हमें ग्रीन कैकर्स बेचने को बोला गया है.मतलब ‌आतिशबाजी के ऐसे पटाखे, जो तेज आवाज नहीं करते हों.मजबूरन हम फुलझडियां और चरखी आदि आतिशबाजी के छोटे पटाखे बेच रहे हैं.

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चाइनीज लाइट भी बेच रहे छोटे कारोबारी

कोलकाता के डलहौजी, बड़ाबाजार, इजरा स्ट्रीट, कोल्हू टोला और टी बोर्ड इलाकों में चाइनीज लाइटें भी इस दीपावली में खूब बिक रही हैं.इन्हें बेचने वाले मुसलमान भी हैं और हिन्दू कारोबारी भी.तीस साल के जावेद कहते हैं,‘’ चाइनीज लाइटें ना बेचें, तो हम खाएंगे क्या ! उधर से ये सामान आ रहे हैं, तभी तो हम बेच रहे हैं.ये लाइटें सस्ती होती हैं.लोग आराम से इन्हें खरीद कर ले जा रहे हैं.’’

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कोलकाता में डेकोरेटिव आइटम्स भी बिक रहे हैं खूब !

कोलकाता के बड़ाबाजार, डलहौजी और पार्क स्ट्रीट इलाकों में दीपावली पर डेकोरेटिव आइटम्स भी अच्छे तादाद में बिक रहे हैं.इन आइटम्स से घर को सजाया जाता है, जिसमें झालर, रंग-बिरंगे रौशनदान और छोटी लाइटें हैं.

कुछ लोगों की दुकानें हैं, तो कुछ फुटपाथ को घेरकर ऐसे डेकोरेटिव आइटम्स बेच रहे हैं.कुछ तो झारखंड के देवघर और झरिया से दीपावली पर बेचने के लिए कोलकाता आ जाते हैं.42साल के रहमान खान कहते हैं - अरसा हुआ यहां आ रहा हूं.

दीपावली पर डेकोरेटिव आइटम्स की मांग कोलकाता में ठीक-ठाक रहती है.फूफा के घर को ठिकाना बनाता हूं.उन्होंने ही यह तरकीब मुझे सिखाई है.रहमान आगे कहता है - 'कहिए मत ! उजाले का यह त्यौहार हमारे घर को भी उजाले से भर देता है.'