लोकसभा चुनाव अपडेट: पिछली बार के मुकाबले इस दफा कम मुस्लिम सांसद होंगे सदन में

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 07-06-2024
Lok Sabha election update: This time there will be one less Muslim MP in the House compared to last time
Lok Sabha election update: This time there will be one less Muslim MP in the House compared to last time

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

सियासी दलों द्वारा 18 वीं लोकसभा चुनाव के लिए कम संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारने का असर चुनाव परिणाम पर दिख रहा है. आजादी के बाद दूसरी बार कम संख्या में संसद में उनकी मौजूदगी होगी. इस बार अलग-अलग पार्टियों ने 37 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार दिए थे. मगर उनमें से कुछ ही ऐसी सीटें थीं जहां से उनका जीतना संभव हुआ.यही नहीं चुनाव लड़ रहे कुछ नामचीन चेहरांे का प्रदर्शन भी ऐसा नहीं रहा है कि वे लोकसभा पहुंच सकें.

उनमें जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला शामिल हैं. उमर को तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी से हरा मिली. कैदी ने जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा.इसके विपरीत यूसुफ पठान, कम उम्र की इकरा चौधरी जैसे कुछ नए मुस्लिम चेहरे 19 वीं लोकसभा में नजर आएंगे. ओवैसी ने पांचवीं बार लोकसभा चुनाव जीता है.

देश भर में 24 मुस्लिम उम्मीदवारों ने लोकसभा सीटें जीती हैं, जिनमें टीएमसी उम्मीदवार और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान भी शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चैधरी के गढ़ बहरामपुर में आरामदायक जीत हासिल की.इस दफा सर्वाधिक मुस्लिम उम्मीदवार पश्चिम बंगाल और उसके बाद उत्तर प्रदेश से जीतकर आए हैं.

समाजवादी पार्टी के टिकट पर यूपी के रामपुर सीट से चुनाव जीतने वाले दिल्ली के संसद भवन की मस्जिद में इमाम रह चुके हैं.इस साल लोकसभा चुनाव में कुल 78 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे, जो पिछले चुनावों की तुलना में काफी कम है. पिछले चुनाव में विभिन्न दलों ने 115 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे.

किस सीट से जीतकर आए मुस्लिम उम्मीदवार

1  इकरा चौधरी  कैराना   ( उत्तर प्रदेश)

2 मोहिबउल्लाह रामपुर  (उत्तर प्रदेश)

3 जिया उर रहमान संभल  ( उत्तर प्रदेश)

4 अफजल अंसारी  गाजीपुर ( उत्तर प्रदेश)

5 इमरान मसूद सहारनपुर  ( उत्तर प्रदेश)

6 खलीलुर रहमान  जंगीपुर ( पश्चिम बंगाल)

7 पठान यूसुफ बहरामपुर ( पश्चिम बंगाल)

8 अबू ताहिर खान मुर्शिदाबाद  (पश्चिम बंगाल)

 9 एसके नूरुल इस्लाम बशीरहाट  ( पश्चिम बंगाल)

10 सजदा अहमद उलुबेरिया  ( पश्चिम बंगाल)

11 इशा खान चौधरी मालदा दक्षिण ( पश्चिम बंगाल)

12 असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद ( तेलंगाना)

13 आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी  श्रीनगर

14 मियां अल्ताफ अहमदअनंतनाग-रजौरी (जेके)

15 अब्दुल रशीद शेख  बारा मूला(जम्मू और कश्मीर)

16 मोहम्मद हनीफा लद्दाख

17 मोहम्मद जावेद किशनगंज ( बिहार)

18 तारिक अनवर कटिहार ( बिहार)

19 रकीबुल हुसैन धुबरी ( असम)  

20 शफी परमबिल वडकारा ( केरल)

21 ई.टी. मोहम्मद बशीर मलप्पुरम ( केरल)

22  डॉ. एम.पी अब्दुस्समद समदानी पोन्नानी ( केरल)

23 मुहम्मद हमदुल्लाह सईद लक्षद्वीप

24 नवस कनी के रामनाथपुरम (तमिलनाडु)

मौलाना मोहिबुल्लाह और कम उम्र इकरा चौधरी बने सांसद

सहारनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद ने 64,542 मतों से जीत हासिल की, जबकि कैराना से समाजवादी पार्टी की 27 वर्षीय उम्मीदवार इकरा चौधरी ने भाजपा के प्रदीप कुमार को 69,116 मतों से हराया.गाजीपुर से मौजूदा सांसद अफजल अंसारी ने 5.3 लाख वोट हासिल कर सीट जीती, जबकि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की माधवी लता कोपेला पर 3,38,087 वोटों के अंतर से हैदराबाद सीट बरकरार रखी.

लद्दाख में निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने 27,862 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल रशीद शेख ने 4.7 लाख वोट हासिल करके जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट जीती. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह ने रामपुर सीट पर 4,81,503 वोट हासिल कर जीत दर्ज की, जबकि जिया उर रहमान ने संभल में 1.2 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की.

जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 2,81,794 वोटों से हराया. श्रीनगर में एनसी उम्मीदवार आगा सैयद रूहुल्लाह मेहंदी को 3,56,866 वोट मिले.

यूसुफ पठान ने  अधीर चौधरी को हरा कर चौंकाया

पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे यूसुफ पठान ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता और छह बार के सांसद अधीर रंजन चैधरी को 85,022 वोटों से हराया. अधीरंजन को कांग्रेस का बड़ा नेता माना जाता है.बहरामपुर उनका गढ़ रहा है, पर पहली बार चुनाव लड़ते हुए पठान ने उन्हें शिकस्त दे दी.

17 वीं लोकसभा यानी 2019 के आम चुनाव में कुल 27मुस्लिम उम्मीदवार चुनकर आए थे. ऐसे में देश के आम मुसलमानों की समझ है कि सियासी दलों के कम संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों के मैदान में उतारने से इनका कम तादाद में पहुंचना लाजमी है.इसी सोच की वजह से कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों एवं सेक्युलर संगठनों ने मुसलमानों को कम उम्मीदवारी देने पर सवाल उठाए थे.

आजादी के बाद दूसरी बार मुस्लिम सांसद सबसे कम

हालांकि, कम संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों का संसद में पहुंचना कोई नया नहीं है.अब तक सबसे कम संसद में पहुंचने वाले मुस्लिम सांसदों की संख्या 22 है. 16 वीं लोकसभा चुनाव के लिए सबसे कम 22 मुस्लिम प्रत्याशी चुने गए थे. इसके विपरीत 1980 में सवार्धिक संख्या में मुस्लिम चुनकर निचले सदन में पहुंचे थे. तब 49 मुसलमानों ने चुनाव जीता था, जिनमें सर्वाधिक कांग्रेस से थे.

पिछले आम चुनाव में तथाकथित सेक्यूर पार्टियों कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राजद, जदयू, बसपा , राकांपा, वाम दलों ने 115 मुसलमानों को चुनाव लड़ाया था. इस बार सभी ने मिलकर 78 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. पिछले यानी 17 वीं लोकसभा में बीजेपी का मुस्लिम चेहरा पश्चिम बंगाल के सौमित्र खान थे और पार्टी ने सर्वाधिक 303सीटें जीती थीं. इस बार बीजेपी का मुस्लिम चेहरा मलप्पुरम से डॉ अब्दुल सलाम हैं, जिनके बारे में एग्जिट पोल में जीत दिखाया गया था. अलग बात है कि वह जीत का स्वाद नहीं चख पाए.

37 सीटों पर थे मुस्लिम उम्मीदवार

इस बार 37 ऐसी सीटें रहीं, जहां मुस्लिम उम्मीदवार मजबूती से चुनाव लड़े. मलप्पुरम, बहरामपुर, हैदराबाद, बारामूला, धुबरी, अमरोहा, कोलकाता दक्षिण, औरंगाबाद, कटिहार, मधुबनी, सिवान, किशनगंज, लक्षदीप, सहारनपुर, रामपुर, अनंतनाग, कैराना, भुवनेश्वर, करीमगंज, अररिया, श्रीनगर, बेंगलुरु सेंट्रल, वाटकरा, पोन्नानी, संभल, गाजीपुर, रायगंज, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, कृष्णानगर, डायमंड हार्बर, उलूबेरिया, आसनसोल, वर्धमान और बीरभूम सीट से मुस्लिम उम्मीदवारों के संसद में पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी, पर इनमें से कुछ ही सीट पर उनकी जीत हो पाई.

वैसे, इस समय मुस्लिम उम्मीदवार के तौर पर देश के मुसलमानों की नजरें महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, बदरुद्दीन अजमल, तारिक अनवर, क्रिकेटर यूसुफ पठान, नसीरुद्दीन शाह की भतीजी साहिरा हलीम शाह, इम्तियाज जलील, इकरा अहमद, अशरफ फातमी, कुंवर दानिश अली, अब्दुल सलाम, हमदुल्ला सईद, आगा सैयद रूहुल्ला मेहंदी, सज्जाद लोन पर ज्यादा टिकी हुई. मगर में इनमें से कई नामचीन चेहरे चुनाव नहीं जीत पाए.