आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
केरल के वायनाड जिले में 26 जुलाई से शुरू हुई तूफानी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है. इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. आपदा की भयावहता को देखते हुए जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने वायनाड के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
प्रतिनिधिमंडल ने जान-माल के नुकसान को देखा. त्रासदी के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद इस संकट की घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़ी है. मानवता की सेवा के लिए सभी धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर काम कर रही है.
उन्होंने जमीयत की टीमों को निर्देश दिए कि वे सभी पीड़ितों की मदद करें, चाहे वे किसी भी धर्म से हों. साथ ही, उन्होंने सरकारी दस्तावेजों को सही कराने और सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने में पीड़ितों की सहायता करने पर जोर दिया.
प्रतिनिधिमंडल ने पंजीर मठम, मंडकई, और चोरल मलाई जैसे गांवों का दौरा किया, जो पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. 410 से अधिक शवों को मलबे से निकाला जा चुका है. अब भी राहत कार्य जारी है. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने पहले भी 2019 की बाढ़ में केरल के लोगों की मदद की थी, जब 100 से अधिक घर बनाए गए थे.
मौलाना मदनी के नेतृत्व में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने वायनाड के लोगों को आश्वासन दिया कि इस कठिन समय में वे उनके साथ हैं. उन्हें नए घर बनाने में मदद करेंगे. स्थानीय विधायक और अन्य संगठनों के साथ मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने यह सुनिश्चित किया कि पीड़ितों को हर संभव सहायता मिले.