आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली
जामिया मिलिया इस्लामिया के 105वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने विश्वविद्यालय और इसकी उपलब्धियों की जमकर सराहना की.इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा विश्व की सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक हैऔर हिंदू-मुस्लिम सद्भाव देश की प्रगति और राष्ट्रीय एकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया को भारत की मिली-जुली संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों का जीवंत उदाहरण बताया.
रिजिजू ने कहा कि जामिया का मोटो सॉन्ग हमारे राष्ट्रीय मूल्यों और विचारधारा का उत्कृष्ट प्रतिनिधित्व करता है.उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जामिया के स्थापना काल में महात्मा गांधी और सरोजिनी नायडू जैसे महान नेताओं ने विश्वविद्यालय की स्थापना और उसकी शिक्षा नीति का पूर्ण समर्थन किया था.
इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सराहना करते हुए कहा कि जामिया का शैक्षिक स्तर और इसकी राष्ट्रीय रैंकिंग उन्हें अत्यंत प्रभावित करती है.
On 105th Foundation Day celebrations of Jamia Millia Islamia, I'm glad to join the glorious milestone in the journey of JMI.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 29, 2025
Joined by VC, Prof. Mazhar Asif; Registrar, Prof. Md. Mahtab Alam Rizvi; Dean Students' Welfare, Prof. Neelofer Afzal & others @jmiu_official pic.twitter.com/GU5SJK1A7Q
मंत्री ने लोकतंत्र में खुली बहस और विचारों के आदान-प्रदान पर भी जोर दिया.उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन जब तक इससे देश को कोई नुकसान नहीं पहुंचता, तब तक यह लोकतंत्र की ताकत का ही हिस्सा है.रिजिजू ने बताया कि संसद में अक्सर शोर-शराबा होता है, लेकिन यही वह जगह है जहां विभिन्न विचारों को खुलकर व्यक्त किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट्री अफेयर्स मंत्री के रूप में कभी-कभी सदन का संचालन चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन हंगामों और मतभेदों के बावजूद, अहम कानून अंततः देशहित में पारित हो ही जाते हैं.
केंद्र सरकार के मंत्री ने भारतीय संविधान को देश की सबसे बड़ी ताकत करार देते हुए कहा कि संविधान हर समस्या का समाधान प्रदान करता है और हमारे जीवन में सुरक्षा और स्थिरता का आधार है.उन्होंने सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया और कहा कि भारत में माने गए छह अल्पसंख्यकों में से लगभग 80 प्रतिशत मुसलमान हैं.
इसलिए बड़ी कम्युनिटी यानी हिंदू और मुसलमान दोनों की यह जिम्मेदारी है कि वे शांति और भाईचारे का माहौल बनाए रखें.यदि यह माहौल कायम रहेगा तो छोटी कम्युनिटी भी देश की तरक्की में अपना योगदान देती रहेगी.
उन्होंने विशेष रूप से कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया वह स्थान है जहां से यह संदेश सबसे प्रभावशाली तरीके से फैल सकता है.विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और राष्ट्र सेवा में हमेशा से उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है.
रिजिजू ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मज़हर असिफ, रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी और डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. नीलोफर अफ़ज़ल के साथ समारोह में शामिल होकर जामिया के 105वर्षों की गौरवशाली यात्रा में भाग लेने पर खुशी जताई.
For over 100 Yrs, Jamia Millia Islamia has stood as a beacon of excellence in education, research & service to the nation.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 29, 2025
By nurturing curious minds & igniting young dreams, it continues to shape the leaders of tomorrow, true builders of a stronger Bharat. @jmiu_official https://t.co/F8kySdIaB9 pic.twitter.com/Z5KbD73Fgg
उन्होंने कहा कि जामिया नई पीढ़ी के लिए जिज्ञासु मस्तिष्क को पोषित करने और युवा सपनों को आकार देने का केंद्र है.यह विश्वविद्यालय देश के भविष्य के नेताओं और मजबूत भारत के सच्चे निर्माणकर्ताओं को तैयार करता है.रिजिजू ने युवाओं और छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें न केवल शिक्षा प्राप्त करनी है, बल्कि देशहित, एकता और सामाजिक सद्भाव की भावना को भी अपने जीवन में उतारना है.
कुल मिलाकर, मंत्री रिजिजू का संदेश स्पष्ट था कि शिक्षा, सहिष्णुता और सांस्कृतिक मेल-जोल ही भारत की ताकत हैं.जामिया मिलिया इस्लामिया इस दिशा में हमेशा से मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत रहा है, और इसके 105 वर्षों की यात्रा देश के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बनी हुई है.