भारतीय व्यवसायी हर रमजान यूएई के कैदियों को दिलाते हैं रिहाई, जानिए इनके ज्वैलर्स कारोबार के बारे में

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-03-2024
Indian businessman Firoz Merchant in the middle
Indian businessman Firoz Merchant in the middle

 

मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली

मुंबई के आभूषण व्यापारी फिरोज मर्चेंट ने संयुक्त अमीरात में अपने व्यापार के तरीके और मानव सेवा से एक अलग पहचान बनाई है. वह प्रत्येक रमजान से पहले यूएई के जेलों में कैद हर उस व्यक्ति को रिहाई दिलाने का प्रयास करते हैं, जो जुर्माना नहीं भरने की वजह से वहां के विभिन्न जेलों में समय से ज्यादा सजा काट रहे हैं.

कैदियों की मदद के लिए उन्हांेने बजाप्ता ‘ द फॉरगॉटन सोसाइटी’ नामक संगठन स्थापित किया है. इस सोसायटी की स्थापना 2008 में हुई थी. सोसायटी की नीति के तहत एक सप्ताह पहले फिरोज मर्चेंट ने 900कैदियों को छुड़ाने के लिए जुर्माने की रकम के तौर पर 2.5करोड़ रुपये यूएई सरकार को सौंपे हैं.

फिरोज मर्चेंट कहते हैं कि वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि कैदी रमजान से पहले अपने घर वापसी कर सकें. जिन कैदियों के पास टिकट के पैसे नहीं होते, उनकी हवाई यात्रा के लिए ’द फॉरगॉटन सोसाइटी’ टिकट की व्यवस्था करती है.66 वर्षीय फिरोज मर्चेंट का दुबई में प्योर गोल्ड ज्वैलर्स के नाम से कारोबार है.

firoz marchent

यूएई में सोने और हीरे के ज्वैलर्स

फिरोज मर्चेंट कहते हैं, ‘‘ हम बिलकुल वैसे ही हैं जैसा हमारा नाम है! उन्हांेने 1989 में यहां ‘प्योर गोल्ड ज्वैलर्स’ के नाम से कारोबार प्रारंभ किया था. तब से वह ग्राहकों को नए से नए डिजाइन के गुणवत्ता वाले उत्कृष्ट आभूषण उपलब्ध करा रहे हैं.

फिरोज मर्चेंट का दावा है कि वह दुबई के आभूषण बाजार पर एकक्षत्र राज कायम करने के बाद अपने नए डिजाइन के आभूषण के साथ वैश्विक स्तर पर अलग पहचान बनाना चाहते हैं.

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ऑनलाइन आभूषणों की खरीदारी

‘प्योर गोल्ड ज्वैलर्स’ के सारे डिजाइनर आभूषण ऑनलाइन बिक्री के लिए मौजूद हैं. फिरोज मर्चेंट के अनुसार, दुबई से लेकर अबू धाबी तक, संयुक्त अरब अमीरात में ऑनलाइन और स्टोर्स के माध्यम से इने उत्कृष्ट सोने-हीरे के आभूषण बेचे जाते हैं.

इनके अनुसार, सोने की अंगूठियों, सोने की चूडियों की सर्वाधिक ऑनलाइन बिक्री होती है. अरब की महिलाएं हीरे के आभूषण अधिक पसंद करती हैं. इसलिए ये भी बिक्री के लिए आॅन लाइन उपलब्ध हैं.

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आभूषण बेचने के दौरान आया कैदियों को छुड़ाने का आइडिया

फिरोज मर्चेंट के एक बयान के दौरान आभूषण के कारोबार करते एक दिन उन्हें जुर्माना नहीं भरपाने के कारण अरब के विभिन्न जेलों मंे बंद कैदियों को छुड़ाने का ख्याल आया. इसके अलावा भी वह विभिन्न माध्यमों से जेलों में बंद कैदियों की मदद करते हैं.

इनके प्रयास से 2019 में 700 कैदी रिहा किए गए थे. इस साल सप्ताहभर भर पहले 900कैदी छोड़े गए. उनकी पहल पर पिछले कुछ वर्षों में 20,000 से अधिक कैदियों को मदद मिली है.इस साल खाड़ी देश की जेलों से 900 कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने यूएई सरकार को 1 मिलियन दिरहम यानी लगभग 2.5 करोड़ रुपये दान किए.

उनका लक्ष्य 2024 में 3,000 कैदियों को रिहा कराना है.फिरोज मर्चेंट के कार्यालय के अनुसार, यह रमजान से पहले विनम्रता, मानवता, क्षमा और दयालुता का संदेश है.उनके कार्यालय के बयान में कहा गया, द फॉरगॉटन सोसाइटी 900 कैदियों की रिहाई के बाद जरूरी सुविधाएं भी प्रदान कर कर रही है.

फिरोज मर्चेंट के प्रयास से अब तक अजमान के जेल से 495, फुजैरा से 170, दुबई से 121, उम्म अल क्वैन से 69और रास अल खैमा के जेल से 28कैदी रिहा किए गए.खाड़ी में रहने वाले तेलुगु समुदाय के लिए एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल के पाठक, मैगल्फ के अनुसार, मर्चेंट ने उनके कर्ज का भुगतान भी किया.

उन्हें घर लौटने के लिए हवाई किराया भी प्रदान किया, जिसका लक्ष्य परिवारों को फिर से एकजुट करना और जीवन में दूसरा मौका देना था.

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कैदियों को मदद पहुंचाने की सतत प्रक्रिया

संयुक्त अरब अमीरात की केंद्रीय जेलों के पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर मर्चेंट पिछले कुछ वर्षों में 20,000से अधिक कैदियों की मदद कर चुके हैं. इनके इस काम को सरकारी अधिकारियों से भी प्रशंसा मिल रही है.

मर्चेंट ने कहा, मैं सरकार के साथ सहयोग के लिए आभारी हूं. फॉरगॉटन सोसाइटी का मानना है कि मानवता की कोई सीमा नहीं. हम कैदियों को मदद पहुंचाने में कोई भेदभाव नहीं करते.

संयुक्त अरब अमीरात के कर्नल मोहम्मद यूसुफ अल-मटरोशी ने कैदी पुनर्वास के लिए मर्चेंट के समर्पण की सराहना की.कर्नल के अनुसार, उन्होंने अनगिनत व्यक्तियों की मदद की है. उनकी शांत उदारता उन लोगों को वास्तविक आशा प्रदान करती है जो अपना जुर्माना भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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विभिन्न देशों के होते हैं कैदी

फिरोज मर्चेंट की पहल पर 2019 में 700 कैदी छोड़े गए थे. इसके लिए मर्चेंट ने संयुक्त अरब अमीरात को 272,242डाॅलर चुकाए थे.रिटेलर प्योर गोल्ड ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष ने कहा कि उनका यह कदम  यूएई के सहिष्णुता के अनुरूप है.

 

कैदियों की रिहाई में वह भेदभाव नहीं करते. मर्चेंट उन कैदियों को मुक्त कराने में मदद करते हैं, जिन्होंने जेल की सजा तो पूरी कर ली, लेकिन जुर्माना अदा नहीं कर सकते. ये कैदी किसी भी देश के हो सकते हैं. बताया गया कि ज्यादातर ऐसे कैदी

 

अफगानिस्तान, इराक, भारत, पाकिस्तान, फिलीपींस, रूस और थाईलैंड के होते हैं.अजमान पुलिस के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल शेख सुल्तान बिन अब्दुल्ला अल नूमी ने कहा कि कैदियों को छुड़ाना प्योर गोल्ड की एकजुटता का प्रतीक है.