12 heroes of Operation Sindoor: Some made the strategy while others extracted intelligence
ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और दुश्मन देश पाकिस्तान के चारों खाने चित कर दिए. इस जवाबी कार्रवाई का नाम भी उतना ही खास रहा 'ऑपरेशन सिंदूर'. इस ऑपरेशन के पीछे कई चेहरे हैं जिन्होंने मिलकर इसे अंजाम तक पहुंचाया. आइए जानते हैं कौन हैं वे हीरो, जिनकी वजह से ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: असली कमांडर
तकनीकी रूप से राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की कमान खुद संभाली. 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में जब महिलाओं और बच्चों के सामने उनके परिजनों को गोली मारी गई और आतंकियों ने कहा "जा के मोदी को बता देना", तब पीएम मोदी ने मन ही मन बदला लेने का संकल्प लिया.
यही वजह थी कि इस खास ऑपरेशन का नाम भी 'सिंदूर' खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाया. बीते 12 दिनों में पीएम मोदी ने 15 से ज्यादा बैठकों में सुरक्षा एजेंसियों और सेना प्रमुखों से रणनीति बनाई. पूरा ऑपरेशन पीएम मोदी की निगरानी में 7 लोक कल्याण मार्ग (7LKM) से चलाया गया.
पीएम ने सेना को निर्देश दिया कि आतंकियों की जमीन तक को मिट्टी में मिला देना है. और दुश्मनों के चारों खाने चित करने के लिए उन्हें दिशा-निर्देश दिए.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल: ऑपरेशन मेन
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ऑपरेशन सिंदूर के मुख्य योजनाकार रहे. अजीत डोभाल ने सबसे पहले RAW और दूसरी खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों की पूरी जानकारी जुटाने का आदेश दिया. फिर तैयार की गई लिस्ट को सेना, वायुसेना और नौसेना के साथ साझा किया.
अजीत डोभाल ने ऑपरेशन की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की और पीएम मोदी को पल-पल की जानकारी देते रहे. हमलों के दौरान पीएम खुद पूरी रात जागकर निगरानी कर रहे थे. लाहौर से करीब 409 किलोमीटर दूर बैठकर उन्होंने आतंकियों के अड्डों को जलाकर राख कर दिया. एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की और उन्हें उठाए गए कदमों की जानकारी दी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: समन्वयक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना, वायुसेना और नौसेना प्रमुखों के बीच एक समन्वयक की भूमिका भी निभाई और ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिन्दूर को भारत की राजनीतिक, सामाजिक और रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रमाण बताया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस ऑपरेशन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख और उसके सशस्त्र बलों की असाधारण ताकत को प्रदर्शित किया.

रक्षा प्रमुख और तीन सेनाओं के प्रमुख
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने सशस्त्र बलों की सामरिक प्रतिक्रिया का नेतृत्व किया.
3 मई को, साउथ ब्लॉक में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, जिसमें पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल थे, हवाई हमलों की दूसरी लहर को अंजाम देने का फैसला किया गया। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 6-7 मई को सुबह 1:05 बजे हमला किया और 25 मिनट के एक तेज ऑपरेशन में 7 शहरों में 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया.
यह निष्पादन 26 अप्रैल को एक उच्च स्तरीय बैठक से हरी झंडी मिलने के बाद किया गया, जहाँ पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों को पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता दी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर: डिप्लोमेटिक रणनीति
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घातक पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद 1 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ फोन पर बातचीत में इस बात को रेखांकित किया कि भारत, पाकिस्तान में आतंकवादियों पर हमला करेगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन सिन्दूर के बाद विदेशी समकक्षों को इसके बारे में जानकारी दी जिसके बाद विदेश के हर कोनें से भारत के ऑपरेशन सिन्दूर को सराहा गया.
RAW चीफ रवि सिन्हा: खुफिया ऑपरेशन के मास्टरमाइंड
रॉ प्रमुख रवि सिन्हा ने पाकिस्तान में लश्कर और जैश के ठिकानों की सटीक जानकारी दी. 21 टारगेट्स की पहचान की गई, जिनमें से 9 अहम ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए.
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को खुफिया क्षेत्र में तकनीक के बेहतर उपयोग के लिए जाना जाता है. वे कम बोलते हैं, लेकिन अपने काम में माहिर हैं. उन्होंने RAW की ऑपरेशनल विंग को भी पहले लीड किया है.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी: कूटनीति और संवाद लीडर
विक्रम मिसरी चार दिवसीय भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान सरकार की कार्रवाइयों और निर्णयों का चेहरा थे - जिसमें दोनों पक्षों ने 'द्विपक्षीय समझ' के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया था. विदेश सचिव विक्रम मिसरी पीएम मोदी और एनएसए के एक भरोसेमंद सहयोगी हैं.
विक्रम मिसरी को 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए कूटनीति और संवाद कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा आयोजित ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी भी मिसरी ने ही संभाली थी. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जैसे देशों के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखने की बड़ी जिम्मेदारी विक्रम मिसरी पर थी.
विक्रम मिसरी ने ब्रीफिंग के दौरान कहा था, 'नागरिकों की जान-माल की हानि या गैर-सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने के लिए स्थानों का सावधानीपूर्वक चयन किया गया था.'
उन्होंने विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डेस्क पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य करने के अलावा, उन्होंने भारत के तीन अलग-अलग प्रधानमंत्रियों - आईके गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया है.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी: नारी शक्ति का संदेश
पहलगाम हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी प्रेस ब्रीफिंग में दी। इन दोनों सेना के अधिकारियों ने कहा कि भारत की वायु सेना, थल सेना और जल सेना तीनों ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। भारत ने दो महिला अधिकारियों से प्रेस कॉन्फ्रेंस कराकर दुनिया को नारी शक्ति का संदेश भी दिया.
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों पर बड़ी एयर स्ट्राइक की. इस ऑपरेशन की सबसे खास बात यह रही कि इसमें देश की बेटियां भी आगे रहीं. इनमें से दो नाम तेजी से सुर्खियों में है लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का. अब हर कोई जानना चाहता है कि कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह कौन हैं ? देश की इन दोनों बेटियों ने दुश्मन को बता दिया कि भारत की महिलाएं अपने हक़ की जंग लड़ सकती और जीत भी हासिल कर सकतीं हैं इसीलिए दुश्मन उनसे पंगा न लें.
मोहम्मद जुबैर: तथ्य-जांचकर्ता
पाकिस्तान के दुष्प्रचार युद्ध के शिखर पर जुबैर के वीरतापूर्ण प्रयास की खूब सराहना हो रही है. यह एक ऐसा पत्रकार के लिए नया है जो हमेशा दक्षिण पंथियों की बातें पर रहता है. वैसे तो हमेशा ही भारत को विरोधी माना जाता है लेकिन ऑपरेशन सिन्दूर की रात के दौरान भारत के सूचना युद्ध के प्रमुख तथ्य-जांचकर्ता मोहम्मद जुबैर थे. जिन्होनें सोशल मीडिया पर पाकिस्तान द्वारा किए गए झूठे फैक्ट्स का पर्दाफाश किया.
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी
अक्सर विवादों में रहने वाले एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने वाले 'ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि पहलगाम जैसे भविष्य के हमलों को रोकने के लिए पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में मौजूद तत्वों को 'कड़ा सबक' सिखाया जाना चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने जिस बेबाकी के साथ "राष्ट्रवादी" होने का परिचय दिया है. इससे लगभग पूरा समाज उनका फैन हो गया है. ओवैसी ने देश बता दिया कि अगर पाकिस्तान ने आँख भी उठाई, तो उसे मिट्टी में मिला देंगे.