मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा है कि भारत, मुश्किल दौर से गुजर रहे अफगानिस्तान का साथ नहीं छोड़ेगा. डोभाल मास्को में आयोजित अफगानिस्तान पर 5वीं क्षेत्रीय वार्ता में हिस्सा लेने गए हुए हैं.
एनएसए अजीत डोभाल बुधवार को मास्को में अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषदों के सचिवों/राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की 5वीं बहुपक्षीय बैठक में भाग लिया. मेजबान देश के अलावा, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, बैठक में तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधि इसमें मौजूद थे.
इस बैठक में अफगानिस्तान से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति और मानवीय चुनौतियों का सामना करना शामिल है.
एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में स्पष्ट कहा कि अफगानिस्तान अभी मुश्किल दौर से गुजर रहा है. अफगानिस्तान के साथ भारत के ऐतिहासिक और विशेष संबंध रहे हैं और अफगानिस्तान के लोगों की भलाई और मानवीय आवश्यकताएं भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, “जरूरत के समय भारत अफगान लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ेगा.”
डोभाल ने बैठक में बताया किखाद्य सुरक्षा और चिकित्सा आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारत ने अब तक 40,000मीट्रिक टन गेहूं, 60टन दवाएं, 500,000कोविड टीके, सर्दियों के कपड़े और 28टन आपदा राहत अफगानिस्तान तक पहुंचाई है. भारत की तकनीकी टीम इस मानवीय सहायता कार्यक्रम की देखरेख कर रही है. भारत अफगानों के साथ खड़ा है और भारत ने पिछले दो वर्षों के दौरान 300अफगान लड़कियों सहित 2,260अफगान छात्रों को नई छात्रवृत्ति प्रदान की है.
डोभाल ने कहा,“एक समावेशी और प्रतिनिधि व्यवस्था अफगान समाज के व्यापक हित में है.”
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा किइस क्षेत्र में आतंकवाद एक बड़ा खतरा बन गया है. दाएश और लश्कर तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से निपटने के लिए संबंधित देशों और उनकी एजेंसियों के बीच गहन खुफिया और सुरक्षा सहयोग की आवश्यकता है.
भारत ने UNSCR 2593 (2021) के महत्व की फिर से पुष्टि की, जो UNSCR 1267द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों को क्षेत्र में सुरक्षित इलाका देने से वंचित करने का आह्वान करता है.
एनएसए ने इस बैठक में कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद और कट्टरपंथ के निर्यात के लिए अफगानी इलाकों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पहले अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए.
अजीत डोभाल ने अफगानों को भरोसा दिलाया कि भारत अफगानिस्तान में एक महत्वपूर्ण हितधारक है और रहेगा. उन्होंने कहा, “हम हमेशा अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़े रहे हैं और एक बार फिर से एक समृद्ध और जीवंत राष्ट्र बनाने में अफगान लोगों की मदद करने के सामूहिक प्रयासों का हमेशा समर्थन करेंगे.”
गौरतलब है कि इस सम्मेलन का तीसरा दौर नवंबर 2021में एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. चौथी बैठक मई 2022में ताजिकिस्तान के दुशांबे में आयोजित की गई थी.