हज 2024: मक्का-मदीना में हाजियों के लिए क्यों जरूरी है ‘ नुसुक’

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-05-2024
Haj 2024: Why is 'Nusuk' necessary for pilgrims in Mecca-Medina
Haj 2024: Why is 'Nusuk' necessary for pilgrims in Mecca-Medina

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली

-नुसुक हर हज यात्री को आपात स्थिति और उसके बाद भी सहायता करता है.
-नुसुक यह सुनिश्चित करता है कि हज यात्रियों को तुरंत और सही स्थान पर कुशल, गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्राप्त हों.
-यदि आप अपना नुसुक खो देते हैं, तो अपनी हज यात्रा की सुचारू निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त अधिकारियों से संपर्क करें.

 उपरोक्त वाक्य सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय की ओर से इसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बार बार दोहराए जा रहे हैं. इसके अलावा अलग-अलग पोस्ट के माध्यम से यह समझाने की कोशिश हो रही है कि ‘नुसुक’ का इस्तेमाल कर कैसे कोई हज यात्री अपनी यात्रा को सुगम बना सकता है.

दरअसल, ‘नुसुक’ ई-कार्ड है, जिसे हज को आसान बनाने के लिए हज 2024 में लांच किया गया है.इस कार्ड को तकरीबन दो महीना पहले सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक अल-रबिया ने जारी किया था. इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.

— Ministry of Hajj and Umrah (@MoHU_En) May 24, 2024

हर साल नई सुविधाएं

सऊदी अरब सरकार का दावा है कि प्रत्येक वर्ष हज यात्रियों तक आसानी और आराम पहुंचाने और उन्हें अत्यधिक उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए कई तरह की सेवाएं प्रदान की जाती हैं.इसी श्रृंखला की नवीनतम कड़ी है ‘नुसुक कार्ड’. इसके माध्यम से हाजियों के आने, रहने और लौटने तक की तमाम प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया गया है.

हज मंत्रालय का कहना है,नुसुक कार्ड का उद्देश्य आगामी हज सीजन के लिए परिचालन प्रक्रियाओं की दक्षता को बढ़ाना है, ताकि हज यात्रा को अधिक आसान और सरल बनाया जा सके. साथ ही अवैध तरीके से हज करने वालों को भी रोका जा सके.

नुकुस से हज यात्रियों की पहचान आसान

इस काॅर्ड को स्वचालित रूप से पढ़ने में आसान बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी मदद से हज कार्यकर्ता प्रत्येक हज यात्री को आसानी से पहचान और सत्यापित करेंगे. इसके बगैर अनधिकृत व्यक्ति हज स्थलों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. यह कार्ड सभी हज यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है.

कार्ड पर है डिजिटल प्रिंट

नुकुस कार्ड डिजिटल और भौतिक प्रिंट प्रारूप में है. यानी इसकी नकल असंभव है. कार्ड की प्रिंट कॉपी हज यात्रियों को उनके संबंधित हज मिशन या हज सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों और प्रतिष्ठानों के माध्यम से वितरित की जा रही है. दूसरे देश से आने वाले हज यात्री हज यात्रा के लिए किसी न किसी संस्थान या कंपनी से अनुबंधित होते हैं.डिजिटल प्रतिलिपि नुसुक और ‘तवक्कलना’ तीर्थयात्री के खाते से जुड़े होते हंै.
 

नुसुक का डिजिटल संकरण ऐसे प्राप्त करें

मंत्रालय ने कहा कि हज यात्री को मुद्रित कार्ड पर क्यूआर कोड  स्कैन करना होगा. फिर निर्देशों का पालन करना होगा ताकि कार्ड का डिजिटल संस्करण प्राप्त किया जा सके.मंत्रालय का कहना है कि कार्ड के माध्यम से हज यात्रियों को सेवाओं की एक पूरी विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराई जा रही है.

मगर इन सेवाओं को प्राप्त करने से पहले उसे संबंधित अधिकारियों के सामने हज यात्री की अपनी पहचान साबित करनी होगी. उनसे संबंधित कुछ खास डेटा को सत्यापित कराना होगा. इस काॅर्ड की मदद से स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिए हजयात्री के व्यक्तिगत डेटा, पते और स्वास्थ्य रिकॉर्ड जैसी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सकेगी.

हज और उमरा मंत्रालय ने सऊदी अरब और विदेशों से आने वाले हज यात्रियों को पवित्र स्थलों पर जाने से पहले कार्ड प्राप्त करने के  निर्देश दिए हैं. विदेशी और घरेलू हज यात्रियों को अपने आगमन के समय से लेकर प्रस्थान तक हज अवधि के दौरान अपनी यात्रा और आवाजाही के दौरान कार्ड को पास में रखना होगा.

मंत्रालय ने इस बाबत जोर दिया है कि मक्का और मदीना के पवित्र शहरों में प्रवेश और यात्रा के साथ मीना, अराफात और मुजदलफा के पवित्र स्थलों के बीच आवाजाही के लिए कार्ड होना अनिवार्य है.

— Ministry of Hajj and Umrah (@MoHU_En) May 25, 2024

नुसुक कार्ड से दर्ज करा सकते हैं शिकायत

कार्ड में हज यात्रियों के समूह और आवासीय पते, कार्यक्रम जानने के अलावा, उनके संबंधित हज मिशन और उसके साथ संवाद करने के तरीकों का भी विवरण शामिल है. मंत्रालय ने कहा कि हज करने वाले कार्ड के जरिए सेवाओं के अलावा, विशेष अलर्ट भी प्राप्त करेंगें. डिजिटल कार्ड के माध्यम से वे अपनी टिप्पणियां और शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं.

हज और उमरा मंत्रालय ने पहले ही हज करने के इच्छुक लोगों को फर्जी हज अभियानों और फर्जी हज सेवा प्रदाताओं के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है. उसने हज यात्रियों से केवल आधिकारिक एजेंसियों और चैनलों के माध्यम से हज के लिए आवेदन करने का आग्रह किया है.

मार्च में मंत्रालय ने ‘जुसूर’ पहल का दूसरा संस्करण लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के विभिन्न देशों के साथ संचार बढ़ाना था. साथ ही अल्लाह के मेहमानों की सेवा में देश के प्रयासों की समीक्षा करना और उनके आगमन की प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाना था.

इसके इस पहल की मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने सराहना की है. एमडब्ल्यूएल के महासचिव और एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम स्कॉलर्स के अध्यक्ष शेख डॉ. मुहम्मद अल-इस्सा ने पुष्टि की कि परिषद का बयान कुछ हज यात्रियों के अवांछनीय व्यवहार को संबोधित करने के लिए एक कानूनी आधार स्थापित करता है जो वैध तरीके से हज पर आने वाले यात्रियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.