Good news before Ramadan 2024, UNESCO declared Iftar as cultural heritage.
आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
अगले साल अनुमानित 11 मार्च में रमजान का महीना शुरू हो रहा है. इससे पहले ही मुसलमानों को बड़ा तोहफवा मिल गया. यूनेस्को ने रमजान के इफ्तार को सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है.यूनेस्को ने रमजान में इफ्तार की भोजन परंपरा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दे है.संयुक्त राष्ट्र सांस्कृतिक एजेंसी ने मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान के दौरान दिन का रोजा खोलने वाले भोजन इफ्तार को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत हिस्सा माना है.
इसकी दावेदारी ईरान, तुर्की, अजरबैजान और उज्बेकिस्तान ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के समक्ष पेश की थी.यूनेस्को के अनुसार,मुसलमानों द्वारा रमजान के महीने में सूर्यास्त के समय, सभी धार्मिक और औपचारिक अनुष्ठान पूरा होने पर इफ्तार किया जाता है.
बताया गया कि इफ्तार- सभी उम्र, लिंग और पृष्ठभूमि के लोगों के सुबह से सूर्यास्त तक रोजे की कठिनाइयों की दैनिक समाप्ति का प्रतीक है. मुस्लिम देशों में रमजान के दिनों मंे शाम की इबादत के बाद इबादत समारोह, संगीत, कहानी सुनाना, खेल, पारंपरिक और स्थानीय भोजन तैयार करना और परोसना और विवाह की व्यवस्था जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. बाद में यह अक्सर सभाओं या सामूहिक भोजन का रूप ले लेती हैं.
यूनेस्को ने बताया, इफ्तार परिवार और सामुदायिक संबंधों को मजबूत करता है. दान, एकजुटता और सामाजिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है. इफ्तार से संबंधित समारोह और अनुष्ठान उन लोगों द्वारा भी किए जाते हैं जो रमजान के महीने के दौरान आवश्यक रूप से उपवास नहीं करत. ज्ञान और कौशल आम तौर पर मौखिक निर्देश, अवलोकन और भागीदारी के माध्यम से परिवारों के भीतर प्रसारित होते हैं.
बच्चों और युवाओं को अक्सर पारंपरिक भोजन के घटकों को तैयार करने का काम सौंपा जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान, माता-पिता उपवास के लाभों और इफ्तार के सामाजिक मूल्यों और कार्यों के बारे में भी ज्ञान प्रसारित करते हैं. इफ्तार को अक्सर सरकारी संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और धर्मार्थ संस्थाओं के साथ टेलीविजन, रेडियो, प्रेस और सोशल मीडिया के माध्यम से भी समर्थन मिलता है.
यूनेस्को ने कहा, इफ्तार मुस्लिमों द्वारा रमजान के महीने में सूर्यास्त के समय, सभी धार्मिक और औपचारिक अनुष्ठानों के पूरा होने पर मनाया जाता है. इसके चलते ही सदियों पुरानी सामुदायिक परंपरा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति द्वारा मान्यता दी गई है, जिसकी बैठक सोमवार से बोत्सवाना में हुई.कई मुस्लिम देशों में चाय के साथ खजूर खाकर इफ्तार करने का रिवाज है. हालाँकि, व्यंजन और पेस्ट्री की रेसिपी देश के आधार पर बहुत भिन्न होती है.
संयुक्त राष्ट्र निकाय ने कहा कि इफ्तार प्रथा आम तौर पर परिवारों के भीतर प्रसारित होती है, और बच्चों और युवाओं को अक्सर पारंपरिक भोजन के घटकों को तैयार करने का काम सौंपा जाता है.