डॉ. सैयद बिलाल अहमद रिज़वी किडनी रोगियों के लिए हैं फरिश्ता

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 03-05-2024
Kidney dialysis is the beginning of a new life: Dr. Syed Bilal Ahmed Rizvi
Kidney dialysis is the beginning of a new life: Dr. Syed Bilal Ahmed Rizvi

 

ओनिका माहेश्वरी / नई दिल्ली 

डाॅक्टर बिलाल अहमद रिजवी किडनी रोगियों के लिए फरिश्ता हैं. अपने लंबे करियर में उन्होंने न जाने कितने रोगियों को मौत के मुंह से वापस लाया है. डाॅक्टर बनने तक इनकी जिंदगी जितनी संघर्षपूर्ण रही, उससे कहीं अधिक मेहनत वह किडनी रोगियों को इससे छुटकारा दिलाने में लगा रहे हैं.वह क्रोनिक किडनी रोग और किडनी स्टोन या किडनी इंफेक्शन जैसी किडनी को प्रभावित करने वाली स्थितियों का इलाज करते हैं.  

दिल्ली के ओखला में स्थित होली फैमिली हॉस्पिटल के डॉ. सयैद बिलाल अहमद रिज़वी पिछले 10 सालों से नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं. उन्हें 13 से 14 वर्षों का अनुभव इस क्षेत्र में है. इससे पूर्व उन्होनें गोविंदपुरी में स्थित चांदीवाला हॉस्पिट, बसईदारापुर में स्थित ईसआई में प्रेक्टिस की और  कुछ साल कश्मीर के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में भी अपनी सेवायें प्रदान कीं. 
 

डॉ. सयेद बिलाल अहमद रिज़वी ने आवाज  द वाॅयस को बताया कि उन्होनें अपनी एमबीबीस कजाकिस्तान से की और भारत लौटकर उन्होनें अपनी रिसर्च (CRA) डॉ. मुबारक नक़वी की गाइडेंस में की. इस दौरान उन्हें अमेरिका जाने का मौका भी मिला. नेफ्रोलॉजिस्ट का आमतौर पर अपना कार्यालय होता है या वे अन्य नेफ्रोलॉजिस्ट के साथ समूह में काम करते हैं. वे अस्पतालों और डायलिसिस केंद्रों पर भी काम करते हैं. 
 
डॉ. सयेद बिलाल अहमद रिज़वी का जन्म 1977 में कश्मीर के अनंतनाग में हुआ था. उन्होनें बताया कि वे अपने परिवार के साथ पिछले 15 वर्षों से अब दिल्लीवासी हैं. हालांकि वे छुट्टियों में अपनी माँ और भाई से मिलने कश्मीर जाते हैं. उनकी प्राथमिक शिक्षा कश्मीर के इक़बाल मेमोरियल इंस्टीटूयट में हुई और उन्होनें गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में दसवीं के बाद की पढ़ाई की.
 
उन्होंने बताया कि वादियांे में रहने वालों के लिए पढ़ाई में उंचा मुकाम हासिल करना आसान नहीं. यह संघर्षों से भरा होता है. संघर्ष भी ऐसा, जिससे रोजाना जूझा जाए.
 
 
46 वर्षीय डॉ. सयेद बिलाल अहमद रिज़वी कहते हैं कि हमारा मुख्य काम है यदि आपको क्रोनिक किडनी रोग है या आपकी किडनी में कोई गंभीर समस्या है, तो आपका नियमित प्रदाता आपको उपचार के लिए नेफ्रोलॉजिस्ट के पास भेज सकता है. यदि आपको मधुमेह जैसी कोई पुरानी बीमारी है जो समय के साथ आपकी किडनी को प्रभावित कर सकती है, तो एक नेफ्रोलॉजिस्ट आपकी देखभाल टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है.
 
नेफ्रोलॉजिस्ट के साथ समय पर परामर्श करने से आपकी कंडीशन बेहतर हो सकती है. हम मरीजों को डायलिसिस पर तभी भेजते हैं जब उनकी किडनी ठीक तरीके से काम नहीं करतीं. 
 
ज्यादातर लोग जानते हैं कि किडनी का मुख्य कार्य शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालना है. ये अपशिष्ट उत्पाद और अतिरिक्त तरल पदार्थ मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं. मूत्र के उत्पादन में उत्सर्जन और पुनः अवशोषण के अत्यधिक जटिल चरण शामिल होते हैं. शरीर के रसायनों का स्थिर संतुलन बनाए रखने के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक है.
 
डॉ. सयेद बिलाल अहमद रिज़वी कहते हैं कि मैं ओल्ड साइंस आयुर्वेद में यकीन करता हूँ लेकिन कभी-कभी गुर्दे के मरीज सही जानकारी न होने के कारण अपने शरीर को खुद ही हानी पहुंचा देते हैं. 
 
 
वे कहते हैं कि डॉक्टर ने तो हमें डायलिसिस बता दिया था लेकिन हम आयुर्वेदा से ठीक हुए ऐसे में डॉ. सयेद बिलाल कहते हैं कि सच बात ये है कि जिसको शार्ट टर्म के लिए डायलिसिस की जरुरत है उसको वो प्रक्रीया पूरी करनी ही चाहिए नहीं तो हानी हो सकती है. और कई मरीज़ डायलिसिस के या कुछ डायलिसिस सत्र के बाद बिल्कुल ठीक हो जाते हैं. और फिर उनको डायलिसिस की जरूरत नहीं रहती. ऐसी स्थिति को तीव्र गुर्दे की चोट कहते हैं.
 
और आयुर्वेद प्रैक्टिस करने वालों को ये बात है कि डायलिसिस शुरू हुई तो फिर बंद नहीं होगी, मरीज़ों को नहीं बताना चाहिए. ऐसी भ्रामक मिथ्या से मरीजों को दूर रहना चाहिए. उनके विभाग के प्रमुख वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अनिल प्रसाद भट्ट हैं. इसी तरह वरिष्ठ सलाहकार डॉ. भीम राज गुप्ता और डॉ. गौरव सहाय के साथ मिल कर काम करना एक खुदा का वरदान है. सहकर्मी डॉ. आदित्य कोठा मिल कर एक टीम वर्क करते हुए मेरीज़ुन की देख बाल करते हैं. 
 
किडनी ट्रांस्पप्लान्ट के पुरे प्रिंसेस में हम नेफ्रोलॉजिस्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यहां तक की मरीज की किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद भी हम उसकी डाइट का और बाकी दवाईयों का ध्यान रखते हैं. अधिकांश शुरुआती किडनी समस्याओं का इलाज दवाओं से किया जा सकता है. 
 
डॉ. सयेद बिलाल अहमद रिज़वी कहते हैं कि किडनी की बीमारी की जांच करने और इसकी प्रगति कैसे हो रही है, इसकी जांच करने के लिए एक नेफ्रोलॉजिस्ट कई परीक्षण करता है. इस बात की ट्रेनिंग ही हमें दी जाती है. कभी-कभी लक्षण दिखने से पहले ही किडनी की बीमारी गंभीर हो सकती है. हमारे पास ऐसे बहुत से मरीज आती हैं जिनको मालूम ही नहीं होता कि उनको किडनी में इंफेक्शन है या उनकी किडनी का साइज छोटा हो चूका है. 
 
नेफ्रोलॉजिस्ट जिन बीमारियों का इलाज करते हैं उनमें से कुछ हैं:
 
गुर्दा रोग: यह तब होता है जब आपकी किडनी समय के साथ क्षतिग्रस्त हो जाती है. जब तक बीमारी अधिक विकसित न हो जाए तब तक आपको गंभीर लक्षण नहीं दिख सकते. लेकिन यदि आपका डॉक्टर इसे जल्दी पकड़ लेता है, तो दवाएं और जीवनशैली में बदलाव आपको अधिक नुकसान से बचने में मदद कर सकते हैं.
 
किडनी खराब: यह किडनी रोग की अंतिम अवस्था है. यदि आपका नेफ्रोलॉजिस्ट डायलिसिस (जो मशीन से आपके रक्त को साफ करता है) की सिफारिश करता है, तो वे आपकी देखभाल के प्रभारी होंगे. वे किडनी प्रत्यारोपण का सुझाव भी दे सकते हैं. इसे आम तौर पर एक अलग टीम और एक नेफ्रोलॉजिस्ट द्वारा नियंत्रित किया जाता है जो प्रत्यारोपण में विशेषज्ञ होता है. आप संभवतः अपने प्रत्यारोपण और उसके बाद तक इस व्यक्ति को देखते रहेंगे.
 
कैंसर से गुर्दे की क्षति . कई प्रकार के कैंसर या उनके उपचार आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। क्षति के उदाहरणों में अवरुद्ध मूत्र प्रवाह, गुर्दे में विषाक्त पदार्थ का निर्माण, और अचानक गुर्दे की विफलता शामिल है। किडनी की समस्याओं से जुड़े कैंसर में शामिल हैं:
 
एकाधिक मायलोमा
मूत्राशय कैंसर
ग्रीवा कैंसर
पेट का कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर
 
 
डॉ. सयेद बिलाल अहमद रिज़वी कहते हैं कि किडनी की समस्याओं के प्रबंधन के अलावा, किडनी डॉक्टर लोगों को किडनी की बीमारियों के लक्षणों, जैसे इलेक्ट्रोलाइट गड़बड़ी (विशेषकर पोटेशियम स्तर) और उच्च रक्तचाप को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं. 
 
यु तो उन्हें बचपन से ही मेथ्स और साईंस जैसे विषयों में रुचि थी लेकिन उनके मरहूम पिता ने ही उन्हें मेडिकल लाइन में आगे बढ़ने की सलाह दी थी और आज डॉ. सयेद बिलाल अहमद रिज़वी अपनी इस नोबल प्रोफेशन को बखूबी निभा रहे हैं. उनका कहना है कि मेने अपने बीते वर्षों के अनुभव से यह बात सीख ली है कि एक डॉक्टर को उस मरीज के दर्द का अहसास होना चाहिए जिस पीड़ा से वह गुजर रहा है और एक डॉक्टर होने के नाते हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए कि हम उस मरीज को उस दर्द से मुक्ति दें.
 
डॉ. सैयद बिलाल अहमद रिजवी ने बताया कि नेफ्रोलॉजिस्ट फ्रीलांस के तौर पर अलग-अलग अस्पतालों में भी काम करते हैं. डॉ. सैयद बिलाल अहमद रिजवी सालाना आय 14 लाख के करीब है.